आगरा।
फिरौती के लिए अपहरण के एक मामले में, स्वयं अपहृत व्यक्ति द्वारा आरोपियों के विरुद्ध गवाही न देने पर विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र माननीय नीरज कुमार बक्शी ने घटना के 25 वर्ष बाद 6 आरोपियों को बरी करने का आदेश दिया है। इस मामले में दो महिलाओं सहित कुल 15 आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ था।
यह था मामला:
थाना बरहन में दर्ज मामले के अनुसार, वादी जुगेंद्र सिंह ने आरोप लगाया था कि 14 मार्च 1999 को आरोपी नरेश उर्फ भूरा और पवन उनके भतीजे मुकेश कुमार को सुबह 10 बजे जलेसर में सिनेमा दिखाने की बात कहकर अपने साथ मोटरसाइकिल पर बैठाकर ले गए थे।
जब देर शाम तक मुकेश वापस नहीं लौटा, तो वादी ने तलाश शुरू की। बाद में उन्हें ज्ञात हुआ कि मुकेश मौसी के गांव नगला झंडू भी नहीं पहुंचा था। इसी बीच, 17 मार्च 1999 की देर रात नरेश उर्फ भूरा और संजय वादी की भतीजी को भी बहला-फुसलाकर भगा ले गए, जिसकी रिपोर्ट 18 मार्च 1999 को थाना बरहन में दर्ज कराई गई।
इसके बाद, आरोपियों द्वारा वादी के पते पर अंतर्देशीय पत्र भेजकर फिरौती की मांग की गई थी।
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छह आरोपियों के विरुद्ध चला मुकदमा:
पुलिस ने अपहरण मामले की विवेचना के उपरांत नरेश उर्फ भूरा, संजय (निवासीगण ग्राम जामपुर), राम शंकर, देवी सिंह (निवासीगण नंदगढ़ी), खेमकरन, चक्र पाल (निवासीगण दौलतपुर) के अतिरिक्त दो महिलाओं सहित 9 अन्य आरोपियों के विरुद्ध अदालत में आरोप पत्र प्रेषित किया था। बाद में, शेष 9 आरोपियों की पत्रावली अदालत ने पृथक कर दी थी।
अपहृत ने किया इंकार:
अभियोजन पक्ष इस मामले में मात्र वादी जुगेंद्र सिंह और अपहृत मुकेश कुमार को ही गवाही हेतु अदालत में पेश कर सका। अदालत में अपहृत मुकेश कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा कि मुकदमे में नामित आरोपियों ने उनका अपहरण नहीं किया था, जिससे अभियोजन पक्ष का मामला कमजोर पड़ गया।
दौरान-ए-विवेचना अभियुक्तों की शिनाख्त परेड न कराए जाने, अपहृत मुकेश कुमार द्वारा आरोपियों के घटना में शामिल होने से इनकार करने और आरोपियों के वरिष्ठ अधिवक्ता राम प्रकाश शर्मा के तर्कों के आधार पर विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र माननीय नीरज कुमार बक्शी ने साक्ष्य के अभाव में सभी 6 आरोपियों को बरी करने के आदेश दिए।
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