आगरा, 26 सितंबर 2025:
आगरा के वकीलों ने शुक्रवार 26 सितंबर 2025 को न्यायिक कार्यों का पूरी तरह से बहिष्कार करते हुए ‘काला दिवस’ मनाया।
यह विरोध प्रदर्शन 26 सितंबर 2001 को पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज के विरोध में किया गया, जब वकील शांतिपूर्ण तरीके से इलाहाबाद उच्च न्यायालय की खंडपीठ की स्थापना की मांग कर रहे थे।

हर साल की तरह, इस साल भी वकीलों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ विरोध दर्ज किया। सुबह करीब 11 बजे, उच्च न्यायालय खंडपीठ स्थापना संघर्ष समिति के संयोजक मनीष सिंह एडवोकेट के नेतृत्व में सिविल कोर्ट आगरा में एक बड़ा जुलूस निकाला गया।
जुलूस में शामिल वकीलों ने ‘खंडपीठ लेकर रहेंगे’, ‘जसवंत सिंह आयोग की रिपोर्ट लागू करो’, और ‘पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद’ जैसे नारे लगाए।

जुलूस के बाद, वकीलों ने गेट नंबर 1 पर एक मानव श्रृंखला बनाई और फिर गेट नंबर 2 पर एक सभा का आयोजन किया। सभा को संबोधित करते हुए, मनीष कुमार सिंह ने कहा कि जब तक आगरा में उच्च न्यायालय की खंडपीठ की स्थापना नहीं हो जाती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि यह मुद्दा आगरा के वकीलों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और वे इसके लिए अपनी आखिरी सांस तक लड़ेंगे।

सभा में वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्र लाखन ने युवा वकीलों को 2001 की लाठीचार्ज की घटना के बारे में विस्तार से बताया, जिससे उनमें पुलिस प्रशासन के खिलाफ आक्रोश साफ दिखाई दिया।

विरोध प्रदर्शन में मनीष सिंह, सुरेंद्र लाखन,मुकेश शर्मा, अनूप शर्मा, अधर कुमार शर्मा, कर्मवीर सिकरवार, वरुण गौतम, लोकेश शर्मा, आबिद खान, रौनक ठाकुर और कुलदीप राजपूत सहित कई वरिष्ठ और युवा वकील मौजूद थे।
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