अधीनस्थ न्यायालय का आदेश निरस्त कर सत्र न्यायालय ने पत्नी एवं उसके परिजनों को दी राहत

न्यायालय मुख्य सुर्खियां
पति ने अपनी पत्नी, सास ससुर एवं साले के विरुद्ध किया था मुकदमा
मारपीट, अमानत में खयानत, अवैध वसूली एवं अन्य धारा का लगाया था आरोप
अधीनस्थ न्यायालय द्वारा पारित तलबी आदेश के विरुद्ध किया था रिवीजन

आगरा १७ अप्रैल ।

अधीनस्थ न्यायालय द्वारा पारित आदेश को निरस्त कर एडीजे 9 माननीय शिव कुमार ने पत्नी एवं उसके परिजनो को राहत प्रदान की।

मामलें के अनुसार वादी मुकदमा दीपक पुत्र रमेश चंद वर्मा निवासी नगला बूढ़ी, दयालबाग, जिला आगरा की शादी 23 जनवरी 22 को श्रीमती खुशबू उर्फ पूनम पुत्री कैलाश नाथ प्रजापति निवासी संगम विहार दिल्ली कें साथ हुई थी।

शादी के कुछ समय बाद वादी को ज्ञात हुआ कि उसकी पत्नी पेट में अल्सर की असाध्य बीमारी से पीड़ित है। उसका पूर्व से ही इलाज चल रहा था। पित्त की थैली भी डॉक्टर द्वारा निकाल दी गयी थी। पत्नी कें पेट मे टांके लगे थे।उक्त तथ्य छुपा कर उसकी शादी की गई थी।इस कारण उक्त विवाद कें चलते वह पृथक रह रहे थे।

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23 मई 22 को वादी की पत्नी श्रीमती खुशबू उर्फ पूनम उसकें पिता कैलाश नाथ, सास श्रीमती किशोरी एवं सालें रोहित ने वादी के घर आ वादी एवं उसकें परिजनो के साथ गाली गलौज एवं मारपीट कर पत्नी के इलाज हेतु वादी से पैसे मांगे।जिस पर उन्हें 20 हजार रुपये दे दिये।24 नवम्बर 22 को पुनः वादी के घर आ विपक्षी गण घर से नगदी एवं जेवरात निकाल कर लें गये।

वादी द्वारा प्रस्तुत मुकदमें में संज्ञान ले एसीजेएम 9 ने 31 अगस्त 24 को विपक्षी गण को तलब करनें कें आदेश दिये थे । जिस पर उनकें द्वारा रिवीजन किया गया था।

एडीजे 9 माननीय शिव कुमार ने विपक्षी के अधिवक्ता वरुण कुमार शर्मा के तर्क पर अधीनस्थ न्यायालय द्वारा पारित आदेश निरस्त कर पत्नी एवं उसके परिजनों को राहत प्रदान की।

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विवेक कुमार जैन
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