पीएमएसएस योजना में बीएचयू में बन रहे एम्स की तर्ज पर प्रयागराज में एम्स बनाने के मामले में केंद्र से जानकारी तलब
आगरा /प्रयागराज 06 दिसंबर ।
प्रयागराज में एम्स की स्थापना की मांग में दाखिल जनहित याचिका पर केंद्र सरकार ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि वर्ष 2025-26 में प्रयागराज मे एम्स बनाने की केंद्र सरकार की कोई योजना नहीं है।
याची अधिवक्ता सत्येन्द्र चंद्र त्रिपाठी ने पूरक हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार ने वाराणसी में एम्स की तर्ज पर बजट देने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग एवं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी के बीच 21 नवंबर 2024 को एमओयू पर हस्ताक्षर किया है और केंद्र सरकार वाराणसी में नया एम्स बनाने जा रही है।
प्रयागराज में भी इसी आधार पर एम्स बनाया जा सकता है। बीएचयू में प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत एम्स की सुविधाएं व बजट दिया जा रहा है।
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इस पर जानकारी प्राप्त करने के लिए अपर सालिसिटर जनरल वरिष्ठ अधिवक्ता शशि प्रकाश सिंह ने कोर्ट से समय मांगा कि क्या बीएचयू जैसा एम्स प्रयागराज में भी बनाया जा सकता है ?
कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 10 जनवरी 25 नियत की है। प्रयागराज में बीएचयू जैसा एम्स स्थापित करने के बारे में केंद्र सरकार से जानकारी प्राप्त करने का समय दिया है।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली तथा न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने सहज सारथी फाउंडेशन व अन्य की तरफ से दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
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याची का कहना है कि प्रयागराज को सभी दिशाओं से जोड़ने वाले राजमार्ग है। यहां हाईकोर्ट केंद्रीय विद्यालय, सहित तमाम केंद्र सरकार के कार्यालय है।
विश्व प्रसिद्ध संगम पर हर वर्ष करोड़ों की भीड़ आती है और मेडिकल सुविधाएं नदारद है। ऐसे में प्रयागराज में एम्स की स्थापना की जानी चाहिए।
याचिका की अगली सुनवाई 10 जनवरी को होगी ।
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