इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा जेल में कैदियों के बच्चों को जेल से बाहर स्कूल में शिक्षा का मौलिक अधिकार

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कोर्ट ने सरकार से मांगी स्कीम, अंतिम आदेश 20 नवंबर को

आगरा /प्रयागराज 31 अक्टूबर ।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जेल में जन्मे या मां बाप के साथ कैद में रह रहे बच्चों की स्कूली शिक्षा जेल से बाहर नियमित स्कूल में कराने के लिए राज्य सरकार को स्कीम तैयार करने का पूरा मौका दिया और 24अक्टूबर 24 को फैसला लिखाना शुरू कर दिया।

किंतु समय की कमी के चलते अंतिम फैसला लिखाने की अगली तिथि 20 नवंबर नियत की है।

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न्यायमूर्ति अजय भनोट ने कैद रेखा की जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए सरकार को स्कीम तैयार करने का आदेश दिया था।याची के साथ जेल में रह रहा उसका पांच साल का बच्चा जेल के भीतर कैदियों के बच्चों की शिक्षा के लिए बने स्कूल में पढ़ रहा है।

कोर्ट ने इसे बच्चों के मूल अधिकारों के खिलाफ माना और कहा कि बच्चों के विकास के लिए जरूरी है उन्हें जेल में न रखा जाय। सामान्य बच्चों के साथ शिक्षा दी जाय।

कोर्ट ने डायरेक्टर जनरल कारागार से प्रदेश के जेलों में रह रहे ऐसे बच्चों की बेहतरी की स्कीम तैयार करने को कहा।

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प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास व महानिदेशक कारागार उ.प्र. ने हलफनामा दाखिल कर कहा कि प्रदेश सरकार ऐसे बच्चों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

इस पर कोर्ट ने प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास, प्रमुख सचिव कारागार व डीजी कारागार को 24 अक्टूबर तक स्कीम पेश करने का समय दिया और इसके बाद अपना आदेश लिखाना शुरू कर दिया है।

शेष आदेश 20 नवंबर को लिखाया जायेगा।

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मनीष वर्मा
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