इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसिड अटैक पीड़िता को मुआवजा सहित इलाज आदि देने पर जिला दिव्यांग जन सशक्तिकरण अधिकारी को निर्णय लेने का दिया निर्देश

उच्च न्यायालय मुख्य सुर्खियां

आगरा /प्रयागराज 25 अक्टूबर ।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसिड अटैक पीड़िता को जिला दिव्यांग जन सशक्तिकरण अधिकारी हापुड़ के समक्ष एक माह में अपना मांगपत्र पेश करने तथा अधिकारी को याची को सुनकर तीन माह में सुप्रीम कोर्ट के परिवर्तन केंद्र केस के फैसले व नियमानुसार आदेश पारित करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने कहा है कि आदेश की प्रति याची को पंजीकृत डाक से भेजी जाय। याची पीड़िता का पिता है। जिसे सरकार ने बतौर मुआवजा पांच लाख दिया है किन्तु याची ने बढ़ाकर मुआवजा एक करोड़ करने, सरकारी नौकरी देने, मासिक पेंशन देने, शारीरिक व मानसिक मुफ्त इलाज कराने, आय का नियमित श्रोत बनाने, जैसी मांगे की है।

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यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर बी सराफ तथा न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेन्द्र की खंडपीठ ने हापुड़ के असलम की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।

विधिक सेवा समिति की तरफ से अधिवक्ता आशुतोष गुप्ता ने कहा कि समिति के बजाय याची को सक्षम अधिकारी से मांग करनी चाहिए वह नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।

जिसपर कोर्ट ने यह आदेश दिया है। याची की बेटी की इस समय उम्र 35 वर्ष है किन्तु जब वह 27 वर्ष की थी तो तीन अज्ञात लोगों ने उसपर एसिड अटैक किया जिससे उसकी दृष्टि चली गई । चेहरा विद्रूप हो गया। वह शारीरिक मानसिक और आघात झेल रही है। सौ फीसदी विकलांग प्रमाण पत्र दिया गया है।

याची ने अपनी बेटी के इलाज व मासिक खर्च की आय के लिए सहायता व मुआवजा बढ़ाने की मांग में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

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मनीष वर्मा
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