आगरा: १९ जुलाई ।
एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में, विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने एक व्यक्ति की हत्या के आरोप में उसकी पत्नी, सास, ससुर और तीन सालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।यह आदेश थानाध्यक्ष जगदीशपुरा को मामले की गहन विवेचना करने के लिए दिया गया है।
मामला तब सामने आया जब वादी नेकराम, मृतक बंटी के पिता, ने अपने अधिवक्ता गिरधारीलाल चौरसिया के माध्यम से अदालत में एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया।
नेकराम ने आरोप लगाया कि उनके पुत्र बंटी का विवाह वर्ष 2020 में खुशबू नामक महिला से हुआ था। उनके अनुसार, खुशबू आज़ाद ख्याल की महिला थी और शादी के कुछ समय बाद ही कंचन विहार कॉलोनी, बोदला में परिवार से अलग रहने लगी।
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नेकराम ने यह भी आरोप लगाया कि खुशबू कई-कई दिन बिना बताए घर से गायब रहती थी। जब बंटी इस बात का विरोध करता था, तो खुशबू अपने परिजनों से झूठी शिकायत कर उसे पिटवा देती थी।
वादी ने दावा किया कि खुशबू अक्सर अपने पति को धमकी देती थी कि “अपने काम से काम रख, ज़्यादा मुंह खोला तो जान से मरवा दूंगी।” नेकराम के अनुसार, 25 अप्रैल 2025 की देर रात खुशबू ने अपने पिता मानसिंह, मां श्रीमती राजवती, और भाइयों वीरपाल, दीपू, एवं मनोज (सभी निवासी नगला सिकरवार, किरावली, आगरा) के सहयोग से बंटी के साथ मारपीट की और फिर उसे फांसी के फंदे पर लटकाकर उसकी हत्या कर दी।
मृतक का पोस्टमार्टम होने के बावजूद, वादी की तहरीर पर पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।इसके बाद, विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने वादी के अधिवक्ता गिरधारी लाल चौरसिया के तर्कों को स्वीकार करते हुए, पत्नी और अन्य ससुरालियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर थानाध्यक्ष जगदीशपुरा को मामले की गहन विवेचना करने का आदेश दिया है। इस मामले में आगे की कानूनी कार्यवाही और जांच जारी रहेगी।
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