आगरा 31 जुलाई ।
एक नाबालिग किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के मामले में, विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट की अदालत ने आरोपी योगेश पुत्र दुर्गा प्रसाद को 20 साल के कठोर कारावास और 25,000/- रुपये के जुर्माने की सज़ा सुनाई है। अदालत ने जुर्माने की पूरी राशि पीड़िता को देने का भी आदेश दिया है।
क्या था मामला ?
यह मामला 16 मार्च 2024 का है, जब पीड़िता ने थाना सिकंदरा में शिकायत दर्ज कराई थी। उसने बताया था कि उसके मोहल्ले में रहने वाले एक किशोर अपचारी (नाबालिग) से उसके प्रेम संबंध थे।
उस दिन शाम 6 बजे, वह किशोर उसे घुमाने के बहाने कैलाश मंदिर के पास एक सुनसान जगह पर ले गया, जहाँ उसने उसके साथ दुष्कर्म किया।
इसके बाद, किशोर ने अपने दोस्तों योगेश और अरविंद को वहाँ बुला लिया। उन दोनों ने भी पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया। आरोपियों ने पीड़िता को डरा-धमकाकर वहीं जंगल में असहाय छोड़ दिया और भाग गए। पीड़िता किसी तरह अपने घर पहुंची और अपनी माँ को पूरी घटना बताई, जिसके बाद पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई गई।
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अदालत की कार्यवाही:
पुलिस ने किशोर अपचारी के अलावा, योगेश और अरविंद के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म, धमकी और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। चूँकि एक आरोपी नाबालिग था, इसलिए उसकी फाइल किशोर न्यायालय में भेज दी गई। योगेश और अरविंद का मामला विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट की अदालत में चला।
विशेष अभियोजन अधिकारी एस.पी. गौतम ने मामले को साबित करने के लिए पीड़िता, उसकी माँ सहित 6 गवाहों को अदालत में पेश किया। सुनवाई के दौरान, पीड़िता ने अदालत में बताया कि उसने दारोगा के कहने पर अरविंद का नाम एफआईआर में लिखवाया था।
इस बयान के आधार पर, अदालत ने आरोपी अरविंद को बरी कर दिया, जबकि योगेश को दोषी मानते हुए उसे यह सज़ा सुनाई। बरी हुए आरोपी अरविंद की ओर से अधिवक्ता राम प्रकाश मिश्रा और वरुण मिश्रा ने पैरवी की।
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