कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने के प्रार्थना पत्र पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के चलतें नहीं हुई सुनवाई
आगरा 06 मार्च ।
ताजमहल तेजोमहालय में जलाभिषेक दुग्धाभिषेक एवं अन्य हिंदू त्योहारों पर पूजा अर्चना की मांग को लेकर योगी यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर अजय तोमर द्वारा दायर वाद पर गुरुवार को आगरा के लघुवाद न्यायालय में न्यायाधीश माननीय मृत्युंजय श्रीवास्तव की अदालत में सुनवाई हुई । सुनवाई के दौरान वादी अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर एवं प्रतिवादी एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ राजकुमार पटेल के अधिवक्ता और मामले में पक्षकार बनने की अर्जी देने वाले सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी के अधिवक्ता रहीस उद्दीन मौजूद थे ।
वहीं आपको बता दें वादी के अधिवक्ता द्वारा पूर्व में दाखिल ताजमहल के सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने वाले प्रार्थना पत्र पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के चलतें न्यायाधीश माननीय मृत्युंजय श्रीवास्तव ने अभी सुनवाई से इंकार कर दिया । वहीं सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी के पक्षकार बनने वाले प्रार्थना पत्र पर बहस के लिए अदालत द्वारा 10 अप्रैल की तारीख नियत की है ।
वादी योगी यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर अजय तोमर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश हमारे लिए सर्वोपरि है । लेकिन सुप्रीम कोर्ट को भी हिंदू आस्था का, हिंदू जन भावनाओं का ध्यान रखने की आवश्यकता है क्योंकि हिंदुओं पर अत्याचार हुआ, मंदिरों को लूटा गया तोड़ा गया, यह सच्चाई पूरी दुनिया के सामने है और पूरा इतिहास मुगलों की क्रूरता से भरा हुआ है अयोध्या मथुरा, काशी और संभल सबसे बड़े उदाहरण है ।
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उन्होंने कहा कि तेजोमहालय में गुपचुप तरीके से बहुत बार पूजा अर्चना और जलाभिषेक हो चुका है लेकिन विधिवत रूप से और परंपरागत तरीके से पूजा अर्चना और जलाभिषेक हो यह लड़ाई अंतिम सांस तक लड़ेंगे ।
वादी अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर का कहना था कि एएसआई के अधिवक्ता और मुस्लिम पक्ष दोनों नहीं चाहते की तेजोमहालय की सच्चाई सामने आ सकें लेकिन हम सच्चाई पूरी दुनिया के सामने लाएंगे। 10 अप्रैल को सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी के पक्षकार बनने वाले प्रार्थना पत्र पर बहस होगी हमारा पूरा प्रयास रहेगा कि प्रार्थना पत्र ख़ारिज हो ।
पिछली सुनवाई 20 जनवरी को हुई थी जिसमें मुस्लिम समुदाय के सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी के अधिवक्ता रहीस उद्दीन और प्रतिवादी एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद् डॉ राजकुमार पटेल के अधिवक्ता विवेक कुमार ने समय मांगा था । कांग्रेस नेता एवं उर्स कमेटी के अध्यक्ष सैयद इब्राहिम हुसैन ने ताजमहल को वक्फ बोर्ड की संपत्ति बताते हुए पक्षकार बनने को अर्जी दी हुई है जिस पर वादी के अधिवक्ता ने 7 अक्टूबर को आपत्ति दाखिल करते हुए कहा था कि ताजमहल सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी की कोई प्राईवेट प्रोपर्टी नहीं है ना हीं वो शाहजहां मुमताज के वंशज इसलिए उन्हें पक्षकार ना बनाया जाएं ।
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वहीं 27 नवंबर को हुई सुनवाई में प्रतिवादी एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ राजकुमार पटेल के अधिवक्ता ने भी सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी के पक्षकार बनने वाली अर्जी पर आपत्ति दाखिल की थी और कहा था की ताजमहल से संबंधित जानकारी मुहैया कराना और केस लड़ना एएसआई की जिम्मेदारी है, सैयद इब्राहिम हुसैन को कोई अधिकार नहीं है ।
वहीं पूर्व में सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्लेसेज ऑफ़ वर्शिप एक्ट 1991 पर सुनवाई करते हुए अभी नई मुकदमे न्यायालय में लेने पर एवं मंदिर मस्जिद से जुड़े लंबित मुकदमों में निचली अदालतों को कोई भी आदेश जारी करने पर भी रोक लगा दी गई है ।
मामले के अनुसार ताजमहल को तेजोमहालय शिव मंदिर बताते हुए 23 जुलाई 2024 को सावन के महीने में जलाभिषेक दुग्धाभिषेक और अन्य हिंदू त्योहारों पर पूजा अर्चना की मांग को लेकर योगी यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर अजय तोमर ने अपने अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर एवं झम्मन सिंह रघुवंशी के द्वारा वाद दायर किया था ।
उनका दावा है कि राजा परमार्दिदेव देव द्वारा 1155 से 1212 के मध्य में बनवाया गया तेजोमहालय शिव मंदिर बताया था और बाद में राजा मानसिंह एवं राजा जयसिंह ने इसे अपना महल बनाया और शिव मंदिर सुरक्षित रखा।
जिसे शाहजहां ने अपने शासनकाल में राजा जयसिंह से धोखे से हड़प लिया और झूठी कहानी लिखी गई कि यहां शाहजहां मुमताज की कब्र है और मकबरा है । जबकि ताजमहल तेजोमहालय शिव मंदिर है करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है।
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