मां के इलाज हेतु लिए गए उधार का पूर्ण भुगतान करने के बाद भी अमानत के तौर पर रखे गए चेक के आधार पर कर दिया मुकदमा

न्यायालय मुख्य सुर्खियां
लेकिन कोर्ट ने आरोपी को किया बरी

आगरा 03 जनवरी ।

चैक डिसऑनर होने के मामले में आरोपित कांति पचौरी पुत्र अनिल पचौरी निवासी पीआर पुरम कॉलोनी सेवला सराय, जिला आगरा को साक्ष्य के अभाव में विशेष न्यायालय एनआई एक्ट के पीठासीन अधिकारी माननीय सतेंद्र सिंह वीरवान ने बरी करने के आदेश दिए ।

मामले के अनुसार वादी मुकदमा गजेंद्र सिंह निवासी कोटली बगीची, देवरी रोड, जिला आगरा का आरोप था कि आरोपी कांति पचौरी नें 20 अक्टूबर 2019 को वादी से 3 लाख 20 हजार रुपये उधार लें दो माह में वापस करनें का वादी से वायदा किया था।

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समयावधि समाप्ति उपरांत तगादा करने पर आरोपी द्वारा दिया गया चैक भुगतान हेतु बैंक में प्रस्तुत करनें पर डिसऑनर हो गया। वादी द्वारा प्रस्तुत मुकदमे में आरोपी नें अपनें अधिवक्ताओं अशोक कुमार मंगल एवं दीक्षा पाठक के माध्यम से अदालत में हाजिर हो अपनी जमानत करा कर कथन किया कि उसने वादी से अपनी मां के इलाज हेतु रुपया उधार लेते हुए बतौर अमानत वादी को उक्त चैक दिया था।

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आरोपी द्वारा वादी को पूर्ण भुगतान करने के बाद भी वादी द्वारा उसका चैक वापस नहीं कर उक्त मुकदमा कर दिया गया था। अदालत नें वादी को अपना पक्ष रखने कें लिये अनेक अवसर दियें परन्तु वादी अदालत में हाजिर नहीँ हुआ।

अदालत नें आरोपी के अधिवक्ताओं के तर्क पर आरोपी को बरी करने के आदेश दिये।

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विवेक कुमार जैन
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