इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के प्रावधानों का पालन न करने पर डीएम अमरोहा को हटाया

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राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दी जानकारी
कोर्ट ने रद्द की नियम विरुद्ध कार्रवाई

आगरा / प्रयागराज 27 सितंबर।

गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई में प्रावधानों और हाईकोर्ट की गाइडलाइन के सतर्कता से पालन में लापरवाही पर राज्य सरकार ने डीएम अमरोहा को पद से हटा दिया है।

उन्हें सचिवालय से संबद्ध किया गया है। सरकारी वकील ने इस आशय की जानकारी न्यायमूर्ति वीके बिड़ला एवं न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल की खंडपीठ के समक्ष दी।

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राज्य सरकार के हलफनामे के बाद कोर्ट ने लापरवाह अधिकारियों के विरुद्ध कोई अन्य कार्रवाई न करते हुए इसे राज्य सरकार पर छोड़ दिया है कि वह नियमानुसार कार्रवाई कर सकते हैं।

साथ ही कोर्ट ने याची आसिफ, नस और चाहत के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई को नियम विरुद्ध करार देते हुए रद्द कर दिया है। तीनों के खिलाफ पुलिस ने अमरोहा के डिडौली थाने में गैंगस्टर एक्ट की प्राथमिकी दर्ज की थी।

याचियो का कहना था कि गैंगस्टर एक्ट के तहत गैंग चार्ट तैयार करने और उसे अप्रूव करने में अधिकारियों ने संतुष्टि दर्ज नहीं की है। जबकि गैंगस्टर एक्ट के प्रावधानों के तहत ऐसा करना अनिवार्य है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी इस संदर्भ में सनी मिश्र के केस में विस्तृत गाइडलाइन जारी की है। इस गाइडलाइन का भी पालन नहीं किया गया।

इस पर कोर्ट ने कहा कि

रिकॉर्ड देखने से स्पष्ट है कि एसएसपी अमरोहा ने गैंग चार्ट अग्रसारित करते समय उस पर संतुष्टि दर्ज नहीं की, जो रूल 16(3) के तहत अनिवार्य है। सनी मिश्र के केस में जारी गाइडलाइन के पालन को लेकर डीजीपी और राज्य सरकार ने भी अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए हैं लेकिन उनका पालन नहीं किया गया।

कोर्ट ने कहा कि

आश्चर्य की बात है कि जिलाधिकारी अमरोहा ने भी गैंग चार्ट अनुमोदित करते समय कोई संतुष्टि दर्ज नहीं की। यह जिलाधिकारी की घोर लापरवाही को दर्शाता है।

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कोर्ट ने अधिकारियों के इस रवैये पर नाराजगी जताई थी। इस पर राज्य सरकार की ओर से कार्रवाई का आश्वासन देते हुए समय की मांग की गई थी। इसके बाद हलफनामा दाखिल कर जिलाधिकारी राजेश कुमार त्यागी को पद से हटाकर सचिवालय से संबद्ध करने की जानकारी दी गई।

कोर्ट ने तीनों याचियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई रद्द करते हुए राज्य सरकार को नए सिरे से नियम के अनुसार कार्रवाई करने की छूट दी है।

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मनीष वर्मा
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