आगरा/प्रयागराज १२ अप्रैल ।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की संस्था सीडीए सी के प्रोजेक्ट इंजीनियर विकास चौधरी की गौतमबुद्धनगर के बीटा -2 थाने में दर्ज आपराधिक केस में विवेचना में सहयोग करने की शर्त पर गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार व विपक्षी से चार हफ्ते में याचिका पर जवाब मांगा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने याची विकास चौधरी की याचिका पर दिया हैं।
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याची का कहना है कि याची और शिकायतकर्ता की शादी हुई। उसने बताया था कि तलाकशुदा है।बाद में पता चला कि पहली शादी कोर्ट से भंग नहीं हुई है। तो याची ने धारा 11 हिंदू विवाह अधिनियम के तहत विवाह शून्य घोषित करने की अर्जी दी।
कोर्ट ने अर्जी स्वीकार करते हुए 28 अक्टूबर 24 के आदेश से याची व शिकायतकर्ता की 27 अक्टूबर 23 को हुई शादी शून्य घोषित करने की एक पक्षीय डिक्री पारित की।
इसके बाद शिकायतकर्ता ने याची सहित परिवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। याची का कहना है कि यह एफआईआर न्यायिक प्रक्रिया का दुरूपयोग है। कोर्ट ने मुद्दा विचारणीय माना।
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