आगरा, 23 जुलाई:
धोखाधड़ी और अन्य आरोपों से जुड़े एक मामले में, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-1 (एसीजेएम-1) माननीय विभांशु सुधेर ने विपक्षी ओमप्रकाश बघेल, उनकी पत्नी श्रीमती कविता बघेल, लोकेश शर्मा, जोगेंद्र, और राजकिशोर बघेल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर थानाध्यक्ष ट्रांस यमुना को विवेचना (जांच) करने का आदेश दिया है।
मामले के अनुसार, ट्यूलिप पैराडाइज, दयालबाग निवासी सागर कुमार पुत्र स्वर्गीय कल्लू ने अपने अधिवक्ता अनिल अग्रवाल के माध्यम से अदालत में एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था।
सागर कुमार ने आरोप लगाया कि ओमप्रकाश बघेल और उनकी पत्नी श्रीमती कविता बघेल, जो ट्रांस यमुना कॉलोनी के निवासी हैं, ने उन्हें बताया था कि उनकी “शिव एग्रो” नाम की एक फर्म है, जिसके माध्यम से वे ठेकेदारी करते हैं, और उनकी एक पाइप बनाने की फैक्ट्री भी है। दंपत्ति ने कथित तौर पर सागर कुमार से 16 लाख रुपये लिए थे और इस राशि पर बैंक ब्याज के साथ लाभांश देने का वादा किया था।
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वादी ने आरोप लगाया कि जब विपक्षियों ने अपना वादा पूरा नहीं किया, तो उन्होंने 10 अगस्त 2022 को उनके खिलाफ कमला नगर थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया। इस मुकदमे की विवेचना के दौरान, कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
यह पता चला कि कबीर देव हॉस्पिटल के तथाकथित संचालक लोकेश शर्मा ने एक फर्जी प्रमाण पत्र जारी किया था। इस फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर एक फर्जी अनुबंध पत्र तैयार कराया गया। हैरान करने वाली बात यह थी कि जिस नोटरी के हस्ताक्षर उस अनुबंध पत्र पर थे, उनकी अनुबंध तैयार होने से कई साल पहले ही मृत्यु हो चुकी थी।
इन तथ्यों के प्रकाश में आने के बाद, अदालत ने ओमप्रकाश बघेल, उनकी पत्नी श्रीमती कविता बघेल, लोकेश शर्मा, जोगेंद्र, और राजकिशोर बघेल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और पूरे मामले की गहन विवेचना करने के आदेश थानाध्यक्ष ट्रांस यमुना को दिए हैं।
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