26 सितंबर 2001 को आगरा में हाई कोर्ट बेंच की मांग कर रहे अधिवक्ताओं पर पुलिस और पीएसी ने किया था लाठीचार्ज
500 से अधिक अधिवक्ता और न्यायिक अधिकारी हुए थे घायल
23 वर्ष से दोषी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग कर रहे है आगरा के अधिवक्ता
आगरा 24 सितंबर।
26 सितंबर 2001 को हाई कोर्ट बेंच की मांग की कर रहे अधिवक्ताओं के ऊपर दीवानी में घुस कर पुलिस व पीएसी द्वारा किए बर्बर लाठी चार्ज के विरोध में मंगलवार को अधिवक्ताओं ने काला दिवस मनाया। इस अवसर पर तमाम अधिवक्ताओं ने अपने हाथों में बैनर और काली पट्टी बांधकर “वी वांट जस्टिस” “हमें न्याय चाहिए” के नारे लगाए और दोषी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कठोर कार्य वाही की मांग दोहराई।
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वरिष्ठ अधिवक्ता वरुण कुमार गौतम के नेतृत्व में तमाम अधिवक्ताओं ने दीवानी कचहरी प्रांगण में प्रदर्शन कर कहा कि 26 सितंबर 2001 को दीवानी कचहरी के न्याय के मंदिर में न्यायिक अधिकारियों एवं अधिवक्ताओं पर पुलिस द्वारा जो बर्बर लाठी चार्ज किया गया था वह न्याय के इतिहास में बहुत बड़ी शर्मनाक और निंदनीय घटना थी।
जिसमें करीब 500 से अधिक अधिवक्ता गंभीर रूप से घायल हुए थे तथा कई न्यायिक अधिकारियों को चोट आई थी।इस इस घटना की न्यायिक जांच करने वाले जस्टिस गिरधर मालवीय आयोग की रिपोर्ट के बावजूद भी आज तक दोषी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
जस्टिस गिरधर मालवीय आयोग की रिपोर्ट के बावजूद भी प्रदेश सरकार की तरफ से आज तक कोई कार्यवाही न किए जाने पर अधिवक्ताओं ने अफसोस व आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा की दूसरों को न्याय दिलाने वाले अधिवक्ताओं को आज तक 23 साल बाद भी न्याय नहीं मिल सका है।
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जो शासन प्रशासन के मुंह पर एक बहुत बड़ा काला धब्बा है। इस प्रदर्शन में प्रमुख रूप से राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा एडवोकेट, चौधरी धर्म सिंह, चौधरी बी. एस. फौजदार, सत्य प्रकाश सक्सैना, पवन कुमार गौतम, अशोक कोटिया, नीरज पाठक, नीरज पाराशर, अमरनाथ शर्मा, सिद्धार्थ कर्दम सहित अनेक अधिवक्ताओं एवम कई महिला अधिवक्ताओं ने भाग लिया।
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