हाईस्कूल परीक्षा के पेपर की फोटो स्टेट कर बेचने वाले धोखधड़ी के आरोपी 27 वर्ष बाद हुये बरी

न्यायालय मुख्य सुर्खियां
एक मात्र तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक की ही हुई गवाही

आगरा 29 जनवरी ।

वर्ष 1997 में आयोजित हाई स्कूल की गणित की परीक्षा के पेपरों की फोटो स्टेट कर प्रति विक्रय करने के मामले में आरोपित जितेंद्र लवानिया एवं धर्मेंद्र कुमार को साक्ष्य के अभाव में विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट माननीय विनीता सिंह ने बरी करने के आदेश दिये।

थाना शाहगंज में दर्ज मामले के अनुसार तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक श्रीमती मंजू शर्मा नें थाने पर तहरीर दें, आरोप लगाया कि 30 मार्च 1997 को दूरभाष के माध्यम से सूचना मिली कि बोर्ड की हाई स्कूल की परीक्षा के प्रश्नपत्र की बिक्री की जा रहीं है।

जिस पर तत्कालीन उप शिक्षा निदेशक डॉ आई.पी.शर्मा, जीआईसी के प्रधानाचार्य ओ.पी.भास्कर, राधाबल्लभ इंटर कालेज के प्रधानाचार्य राजेश मिश्रा, कार्यालय सहायक सुनील कुमार शुक्ला, सहायक अध्यापक गण जीआईसी इंटर कालेज नरेश कुमार पचौरी एवं लक्ष्मी कांत पचौरी के साथ अर्जुन नगर तिराहे पर पहुंचें तो देखा कि निर्मल मैडिकल स्टोर पर छात्रों की भीड़ लगीं हुई थी। छात्र एक एक कर पर्चा लेकर आते जा रहे थे।

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मामलें की पुष्टि हेतु कार्यालय सहायक सुनील शुक्ला को पैसे देकर गणित विषय के पेपर हस्तगत कर दुकान पर छापा मार मौके से धर्मेंद्र कुमार पुत्र गौरीशंकर निवासी अयोध्या कुंज, थाना शाहगंज को हस्तलिखित पेपर की फोटो स्टेट प्रति के साथ पकड़ कर थाने ले जाया गया।

पुलिस ने आरोपी धर्मेंद्र के अतिरिक्त जितेंद्र लवानिया पुत्र पोखी राम निवासी अयोध्या कुंज, थाना शाहगंज कें विरुद्ध भी धोखाधड़ी आरोप में अदालत में आरोप पत्र प्रेषित किया ।

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वर्ष 1997 के प्राचीन मामले में अनेकों गवाहों के बाबजूद एक मात्र वादनी मुकदमा तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक श्रीमती मंजू शर्मा की ही अभियोजन पक्ष गवाही दर्ज करा सका उन्होनें भी घटना क्रम का समर्थन नही किया।

अदालत ने आरोपियों के वरिष्ठ अधिवक्ता राम प्रकाश शर्मा, पुष्पेंद्र पचौरी एवं हर्शल राठौर कें तर्क एवं साक्ष्य के अभाव में 27 वर्ष बाद आरोपियों को बरी करने के आदेश दिये।

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विवेक कुमार जैन
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