आगरा: २९ जुलाई ।
साल पहले हुई एक जघन्य वारदात में आगरा की एक अदालत ने अपना फैसला सुनाया है।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे-6) माननीय नीरज कुमार महाजन ने लूट, हत्या और साक्ष्य नष्ट करने के मामले में जाहिद उर्फ बंटा, राजू यादव और अनुपम यादव को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और डेढ़ लाख रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
यह फैसला पीड़ितों को 25 साल के लंबे इंतजार के बाद मिला न्याय है।
मामला सिकंदरा थाने में 31 जनवरी, 2000 को टाटा सूमो के चालक पदम् सिंह पुत्र अजय सिंह निवासी ग्राम जोनई, वृंदावन, मथुरा ने दर्ज कराया था।उन्होंने अपनी शिकायत में बताया था कि कुछ लोगों ने उनकी टाटा सूमो बुक की थी।रास्ते में आरोपियों ने चालक और टाटा सूमो के मालिक अमर सिंह के साथ मारपीट की। जब मालिक ने विरोध किया, तो आरोपियों ने उनके हाथ-पांव बांधकर उनकी हत्या कर दी और टाटा सूमो लूट ली।
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पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए 3 अप्रैल, 2000 को आरोपी जाहिद उर्फ बंटा पुत्र शाकिर अली (निवासी मोहल्ला गंगा दरवाजा, अलीगंज, एटा), राजू यादव पुत्र सरमन यादव (मोहल्ला गोविंद दास, अलीगंज, एटा) और अनुपम कुमार यादव पुत्र सुरेंद्र सिंह यादव (निवासी ब रा भीकू पुर, कायम गंज, फर्रुखाबाद) को हिरासत में लिया था।पुलिस ने इनके कब्जे से लूटी गई टाटा सूमो भी बरामद की थी और उन्हें जेल भेज दिया था।
एडीजे-6 ने मामले की सुनवाई के दौरान उपलब्ध साक्ष्यों और एडीजीसी नरेंद्र कुमार सिंह के तर्कों के आधार पर तीनों आरोपियों को दोषी पाया।
अदालत ने अपने फैसले में तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और साथ ही उन पर डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।इस फैसले से यह स्पष्ट संदेश गया है कि अपराध करने वालों को देर-सवेर अपने कृत्यों की सजा अवश्य मिलती है।
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