तिरुपति लड्डू विवाद: मंदिरों के प्रबंधन और स्वतंत्र जांच की निगरानी के लिए रियाटर जज की नियुक्ति की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल

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आगरा /नई दिल्ली 23 सितंबर।

तिरुमाला तिरुपति मंदिर में लड्डू तैयार करने में कथित तौर पर मिलावटी घी के इस्तेमाल को लेकर उठे विवाद के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। उक्त याचिका में इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के रियाटर जज या हाईकोर्ट के रिटायर चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली समिति से कराने की मांग की गई।

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यह याचिका इस आरोप के बाद दायर की गई कि प्रतिष्ठित मंदिर में प्रसाद के रूप में चढ़ाए जाने वाले लड्डू तैयार करने में घी की जगह पशु वसा का इस्तेमाल किया गया।

याचिकाकर्ता सुदर्शन न्यूज टीवी के एडिटर सुरेश खंडेराव चव्हाण ने तर्क दिया कि प्रसाद में मांसाहारी सामग्री का इस्तेमाल संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 के तहत भक्तों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। जो धर्म की स्वतंत्रता और धार्मिक मामलों में धार्मिक संप्रदायों को अपने मामलों का प्रबंधन करने का अधिकार देता है।

याचिकाकर्ता ने कहा कि यह मामला लाखों भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। धार्मिक प्रथाओं की पवित्रता की रक्षा करने तथा मंदिर प्रशासन में विश्वास बहाल करने के लिए देश की सुप्रीम कोर्ट को तत्काल इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

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याचिकाकर्ता ने इस घटना से संबंधित संभावित आपराधिक साजिश या भ्रष्टाचार की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) या किसी अन्य स्वतंत्र केंद्रीय एजेंसी द्वारा स्वतंत्र जांच की भी मांग की।

इसके अलावा, याचिकाकर्ता ने पारदर्शिता और धार्मिक रीति-रिवाजों के पालन को सुनिश्चित करने के लिए मंदिरों और तीर्थस्थलों के प्रबंधन की देखरेख के लिए रिटायर सुप्रीम कोर्ट जज या हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की नियुक्ति की मांग की।

केस टाइटल: सुरेश खंडेराव चव्हाणके बनाम तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट और अन्य

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विवेक कुमार जैन
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