मृतक शिक्षक की पत्नी ने कुलपति सहित अन्य के खिलाफ स्थाई लोक अदालत में मुकदमा किया दर्ज

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आगरा: २५ जुलाई ।

डॉ. बी.आर. अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा के कुलपति, कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक को स्थाई लोक अदालत ने नोटिस जारी किया है। यह नोटिस एक मृत शिक्षक की पत्नी द्वारा दायर मुकदमे के बाद दिया गया है, जिसमें उन्होंने अपने पति की असमय मृत्यु के लिए 30 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग की है।

मामला श्रीमती सीमा कुमारी का है, जिनके पति विमल किशोर ने 2005 में बीएड की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। 2011 में शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने के बाद उन्हें प्रशिक्षु शिक्षक के रूप में खेरागढ़ ब्लॉक में नियुक्त किया गया था। शासन द्वारा उनके सभी प्रमाणपत्रों का सत्यापन भी किया गया था।

लेकिन, 14 मार्च 2019 को तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए ) ने उन्हें एक नोटिस भेजकर उनकी बीएड की अंकतालिका को फर्जी बताया। इसके जवाब में विमल किशोर ने सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करा दिए थे।

इसके बावजूद, 15 जुलाई 2019 को BSA ने दोबारा उनसे स्पष्टीकरण मांगा कि फर्जी अंकतालिका के आधार पर नौकरी करने के लिए उनकी सेवा क्यों न समाप्त कर दी जाए और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई क्यों न की जाए ?

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इस मानसिक उत्पीड़न से व्यथित होकर विमल किशोर गहरे अवसाद में चले गए। उनका कहना था कि अगर उन्हें फर्जी अंकतालिका ही बनानी होती, तो वे प्रथम श्रेणी की बनाते, न कि तृतीय श्रेणी की। इसी तनाव के कारण 18 मार्च 2020 को उनकी असामयिक मृत्यु हो गई।

पति की मृत्यु और दो बच्चों की जिम्मेदारी के बाद भी सीमा कुमारी ने हार नहीं मानी। उनका एकमात्र लक्ष्य अपने पति को निर्दोष साबित करना था, ताकि समाज में वे और उनके बच्चे सम्मान से जी सकें।

बीएसए कार्यालय और विश्वविद्यालय के लगातार चक्कर काटने के बाद अदालत में मुकदमा दायर करने पर विश्वविद्यालय ने यह स्वीकार किया कि विमल किशोर का नाम फर्जी या टैंपर्ड सूची में नहीं था।

अब सीमा कुमारी ने अपने पति को बेवजह परेशान करने और उनकी मृत्यु के लिए कुलपति, कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक को जिम्मेदार ठहराते हुए 30 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति का मुकदमा दायर किया है।

इस पर सुनवाई के लिए अदालत ने 25 अगस्त की तारीख तय करते हुए इन अधिकारियों को नोटिस जारी किया है।वादी मुक़दमा की पैरवी अधिवक्ता प्रभात शर्मा द्वारा की जा रही है ।

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विवेक कुमार जैन
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