आगरा:
दहेज हत्या के एक सनसनीखेज मामले में एक नया मोड़ आ गया है, जहाँ मृतका के पिता, मां और भाई द्वारा अदालत में अपने पूर्व बयानों से मुकर जाने के कारण अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे -14) माननीय ज्योत्सना सिंह ने उनके विरुद्ध कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
अदालत ने साक्ष्य के अभाव में दहेज हत्या के आरोपी पति और सास को बरी कर दिया है।
साक्ष्य के अभाव में पति और सास बरी:
साल 2021 में दर्ज इस मामले में पति सत्यवीर और सास श्रीमती छोटी देवी (निवासी ठीपुरी, थाना डौकी) पर दहेज के लिए मृतका श्रीमती नीतू की हत्या का आरोप था।
अभियोजन पक्ष की ओर से मृतका के पिता/वादी मुकदमा अतर सिंह उर्फ नन्हें, मां श्रीमती ज्ञान देवी और भाई पवन सहित अन्य गवाहों को अदालत में पेश किया गया।
एडीजे-14 ने पाया कि तीनों प्रमुख गवाहों ने पुलिस को दिए गए अपने पूर्व कथनों से अदालत में पूरी तरह इनकार कर दिया और बयान से मुकर गए। इसके परिणामस्वरूप, अदालत को साक्ष्य के अभाव में आरोपी पति सत्यवीर और सास श्रीमती छोटी देवी को बरी करना पड़ा।
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मुकरने वाले परिजनों पर कार्रवाई का आदेश
गवाही से मुकरकर आरोपियों को बचाने के गंभीर मामले पर संज्ञान लेते हुए, अदालत ने मृतका के पिता, मां और भाई के विरुद्ध झूठी गवाही देने और आरोपियों से ‘सौदा’ करने के आरोप में कानूनी कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया है।
क्या था मूल आरोप ?
थाना डौकी में दर्ज मामले के अनुसार, वादी अतर सिंह उर्फ नन्हें का आरोप था कि उन्होंने अप्रैल 2017 में अपनी बेटी नीतू की शादी सत्यवीर से की थी।
वादी के अनुसार, शादी के बाद आरोपी पति सत्यवीर, सास छोटी देवी और अन्य ससुराल वाले दहेज में एक प्लॉट और ₹50,000/- की मांग पूरी न होने पर नीतू को प्रताड़ित करते थे। मांग पूरी करने में असमर्थता जताने पर, 10 दिसंबर 2020 को ससुरालीजनों ने गला घोंटकर नीतू की हत्या कर दी थी।
पुलिस ने विवेचना के बाद पति सत्यवीर और सास छोटी देवी के विरुद्ध दहेज उत्पीड़न, दहेज हत्या और दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था, लेकिन परिजनों के मुकर जाने के कारण दोनों बरी हो गए।
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