पुलिस कस्टडी से आरोपी को भी ले गए थे छुड़ा कर
आगरा २५ अप्रैल ।
24 वर्ष पूर्व व्यापार कर अधिकारी के कार्यालय में घुस गाली गलौज, धमकी, शासकीय कार्य में बाधा एवं पुलिस कस्टडी से आरोपी को छुड़ा ले जाने जैसे संगीन मामले के आरोपियों को 24 वर्ष में अभियोजन द्वारा एक भी गवाह पेश नही करने पर साक्ष्य के अभाव में एसीजेएम 6 माननीय आतिफ सिद्दीकी नें बरी करने के आदेश दिये।
थाना सैंया में दर्ज मामले के अनुसार व्यापार कर अधिकारी राजकुमार ने 15 मई 2001 को थाने पर तहरीर दे आरोप लगाया कि वह सहायता केंद्र सैंया पर अपनी ड्यूटी पर तैनात थे।
15 मई 2001 की दोपहर पूती नामक व्यक्ति सहायता केंद्र के गेट पर लात मार अंदर घुस आया। उसने गाली गलौज एवं अभद्रता कर कहा तुम्हे चैक पोस्ट पर रहना हैं तो हमारे अनुसार चलना होगा। हमारी गाड़ी को ऐसे ही बेरोकटोक पास करना होगा। मना करने पर उसने वह धमकी दे मारपीट पर उतारू हो गया।
पूती नामक व्यक्ति को सहायता केंद्र पर तैनात पुलिस कर्मियों की कस्टडी मे देने के कुछ समय उपरांत दिनेश, बब्बू एवं जीतू आरोपी पूती को जबरन कस्टडी से छुड़ा लें गये। आरोपियो ने अन्य वाहनो के प्रपत्रों को भी फाड़ने का प्रयास किया।
व्यापार कर अधिकारी की तहरीर पर आरोपियो के विरुद्ध संगीन धारा में मुकदमा दर्ज हुआ। आरोपी जीतू की वर्ष 2016 में मौत हो जाने पर अदालत ने उसके विरुद्ध कार्यवाही समाप्त कर दी।
24 वर्ष के लंबे अंतराल मे गवाहों की उपस्थिति हेतु अदालत ने गवाहो के विरुद्ध अनेक प्रतिकूल आदेश पारित किये। गवाहो को अदालत में हाजिर कराने के लिये पुलिस आयुक्त, जिलाधिकारी, संयुक्त निदेशक अभियोजन को भी कई पत्र प्रेषित किये । परन्तु 24 वर्ष में अभियोजन एक भी गवाह को अदालत में पेश करने में विफल रहा।
एसीजेएम 6 माननीय आतिफ सिद्दीकी ने आरोपियो के अधिवक्ताओं विमल बघेल, आकाश कुशवाह एवं पवन बघेल के तर्क एवं साक्ष्य के पूर्णतया अभाव मे आरोपियों को बरी करने के आदेश दिये।
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