पति को अदालत से फिर नहीं मिली राहत, जमीन विवाद में निचली अदालत का फैसला बरकरार

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आगरा २० मई ।

एक जमीन विवाद के मामले में पति गीतम सिंह को अदालत से लगातार दूसरी बार निराशा हाथ लगी है। अधीनस्थ न्यायालय द्वारा उनके मुकदमे को खारिज किए जाने के बाद, सत्र न्यायालय ने भी उनकी अपील को खारिज कर दिया है। एडीजे 11 माननीय नीरज कुमार बख्शी ने पति को कोई राहत देने से इनकार करते हुए अधीनस्थ न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा।

क्या है पूरा मामला ?

गीतम सिंह, निवासी ग्राम पाली, थाना फतेहपुर सीकरी, जिला आगरा ने पूर्व में अपनी पत्नी श्रीमती सुनीता देवी, पुत्री इंदर सिंह, निवासनी पक्का तालाब, बड़ा मोहल्ला कुम्हेर, जिला भरतपुर और दो अन्य के खिलाफ विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में एक मुकदमा दायर किया था।

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गीतम सिंह ने आरोप लगाया था कि उनकी शादी श्रीमती सुनीता देवी से वर्ष 2021 में हुई थी। उनकी पत्नी मुंबई में आरपीएफ में एएसआई के पद पर कार्यरत हैं और उनसे लगातार पैसे लेती रहती थीं।

उन्होंने यह भी दावा किया कि अक्टूबर 2020 में उन्होंने सेवर, भरतपुर में अपनी पत्नी के नाम पर 11 लाख रुपये में जमीन खरीदी थी, जिस पर उन्हीं का कब्जा है। गीतम सिंह के अनुसार, 15 मार्च 2022 के बाद उनकी पत्नी ससुराल वापस नहीं आईं, बल्कि उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया।

अदालत का फैसला

जमीन का कब्जा मांगने के संबंध में प्रस्तुत इस मुकदमे को 4 जून 2024 को विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा सिविल प्रकृति का होने के कारण खारिज कर दिया गया था।

इसके बाद, गीतम सिंह ने सत्र न्यायालय में अपील दायर की। श्रीमती सुनीता देवी के अधिवक्ता जल सिंह एवं रोहन परिहार के तर्कों को सुनने के बाद, एडीजे 11 माननीय नीरज कुमार बख्शी ने अधीनस्थ न्यायालय के आदेश को यथावत रखते हुए अपील खारिज करने का आदेश दिया।

इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि गीतम सिंह को फिलहाल इस जमीन विवाद में कोई न्यायिक राहत नहीं मिलेगी।

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विवेक कुमार जैन
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