कंगना रनौत के मामले में रिवीजन याचिका पर सुनवाई 2 जून को

न्यायालय मुख्य सुर्खियां

आगरा/23 मई 2025

हिमाचल प्रदेश के मंडी लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद और फिल्म अभि नेत्री कंगना रनौत के खिलाफ दायर एक मामले में नया मोड़ आ गया है।

राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने निचली अदालत, स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए माननीय अनुज कुमार सिंह के 6 मई 2025 के आदेश को चुनौती देते हुए आगरा के जिला जज माननीय संजय कुमार मलिक की अदालत में रिवीजन याचिका दायर की है।

जिला जज के आदेश पर रिवीजन याचिका की एक प्रति जिला शासकीय अधिवक्ता बसंत कुमार गुप्ता को सौंपी गई। श्री गुप्ता ने मामले में जवाब प्रस्तुत करने और बहस के लिए समय मांगा, जिस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 2 जून 2025 की तारीख तय की है।

ज्ञात हो कि वरिष्ठ अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने 11 सितंबर 2024 को स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए माननीय अनुज कुमार सिंह की अदालत में कंगना रनौत के खिलाफ एक वाद प्रस्तुत किया था। इस वाद में कंगना पर देश के किसानों को “हत्यारा, बलात्कारी और अलगाववादी” बताकर अपमानित करने और 1947 में मिली आजादी को “भीख” बताकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, राम प्रसाद बिस्मिल, चंद्रशेखर आजाद, अशफाक उल्ला खान जैसे तमाम क्रांतिकारी शहीदों और पंडित जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद, बाल गंगाधर तिलक जैसे हजारों महान स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने का आरोप लगाया गया था।

स्पेशल कोर्ट ने कंगना को तीन बार नोटिस भेजे थे, लेकिन तामील होने के बावजूद कंगना या उनके वकील कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। कोर्ट ने पुलिस से भी आख्या मांगी थी।

न्यू आगरा पुलिस ने स्पेशल कोर्ट में अपनी आख्या प्रस्तुत की थी। हालांकि, बहस के समय कंगना की ओर से सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता अनसूया चौधरी ने बहस की।

Also Read – गोरखपुर संप्रेक्षण गृह की दुर्व्यवस्था पर इलाहाबाद हाईकोर्ट सख्त, चीफ जस्टिस ने कायम की जनहित याचिका

दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद स्पेशल कोर्ट माननीय अनुज कुमार सिंह ने यह कहते हुए वाद खारिज कर दिया था कि:

* वादी रमाशंकर शर्मा एडवोकेट या उनके परिवार का कोई भी व्यक्ति किसानों के धरने में शामिल नहीं था।

* वादी अधिवक्ता ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार या किसी न्यायालय एवं जिलाधिकारी से वाद प्रस्तुत करने की अनुमति नहीं ली है।

* कोर्ट ने यह भी कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान तो किया गया है, लेकिन चूंकि गांधीजी की मृत्यु हो चुकी है और मृत व्यक्ति के अपमान के लिए उनके परिवार या कोई निजी रिश्तेदार ही वाद प्रस्तुत कर सकता है।

वादी अधिवक्ता ने रिवीजन याचिका में इन तीनों तथ्यों का जवाब देते हुए कहा है:

* वह स्वयं किसान के बेटे हैं और किसान परिवार में पैदा हुए हैं। वकालत से पूर्व उन्होंने खेती भी की है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन केंद्र सरकार ने देश के किसानों के लिए कुछ ऐसे कानून बनाए थे जिनसे उनका और उनके किसान परिवार भी प्रभावित हो रहा था। इन कानूनों के विरोध में देश के कोने-कोने से लाखों किसानों ने दिल्ली बॉर्डर पर 378 दिनों तक धरना दिया था, जिसमें करीब 700 किसानों की मौत हो गई थी। इसी से आहत होकर यह वाद प्रस्तुत किया गया।

* उन्होंने दूसरे तथ्य का जवाब देते हुए कहा कि संसद के भीतर दिए गए भाषण या बयान के लिए अनुमति की जरूरत होती है, न कि जनता के बीच किसी भी भाषण के लिए किसी प्रकार की अनुमति की आवश्यकता नहीं होती।

* तीसरे तथ्य का जवाब देते हुए उन्होंने लिखा है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पूरे राष्ट्र के पिता हैं, जिसमें देश की 140 करोड़ जनता शामिल है। और देश को आजादी बड़े संघर्षों, बलिदानों और कुर्बानियों के बाद मिली है, न कि “भीख” में। इस तरह से कंगना ने देश के साथ राजद्रोह का अपराध किया है। चूंकि वादी स्वयं स्वतंत्र भारत का नागरिक है और राष्ट्रपिता एवं आजादी का आदर करता है, इसलिए उसने राजद्रोह के मामले में भी उक्त वाद दायर किया।

Also Read – श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज होगी सुनवाई

रिवीजनकर्ता रमाशंकर शर्मा एडवोकेट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दुर्ग विजय सिंह भैया, सुरेंद्र लाखन, सुमंत चतुर्वेदी, सत्य प्रकाश सक्सेना, बी एस फौजदार, राकेश नौहवार, सतीश कुमार शमी, राजेंद्र गुप्ता धीरज, ओपी वर्मा, नवीन वर्मा सहित करीब एक दर्जन से अधिक अधिवक्ताओं ने पैरवी की।

Stay Updated With Latest News Join Our WhatsApp  – Group BulletinChannel Bulletin
विवेक कुमार जैन
Follow me

1 thought on “कंगना रनौत के मामले में रिवीजन याचिका पर सुनवाई 2 जून को

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *