दिल्ली हाईकोर्ट ने 12 साल पुराने यौन उत्पीड़न मामले में तीन पुलिसकर्मियों को ठहराया दोषी

उच्च न्यायालय मुख्य सुर्खियां
जयदेव को दो साल के कठोर कारावास के साथ 18,000/- रुपये जुर्माने की सज़ा
जगमाल और सूरज भान को एक साल का कठोर कारावास और 7,000/- रुपये का जुर्माना करना होगा अदा
दोषियों को पांच दिनों के भीतर ट्रायल कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण करने का दिया निर्देश

आगरा/नई दिल्ली:

दिल्ली हाईकोर्ट ने 12 साल पुराने एक मामले में तीन पुलिसकर्मियों को यौन उत्पीड़न और अन्य अपराधों के लिए दोषी ठहराया है। दोषी ठहराए गए पुलिसकर्मी जयदेव, जगमाल और सूरज भान उर्फ मोनू हैं। जयदेव और जगमाल भाई हैं और जयदेव, सूरज भान के पिता हैं।

दोषियों पर आरोप और सजा:

जयदेव: 55 वर्षीय जयदेव को आईपीसी की धारा 294, 354-ए, 509, 34 और पॉक्सो अधिनियम की धारा 12 के तहत दोषी ठहराया गया है। कोर्ट ने कहा कि जयदेव नियमित रूप से सड़क पर खड़े होकर शिकायतकर्ता और उसकी भतीजी को देखकर कपड़े उतारता था।

जयदेव को दो साल के कठोर कारावास के साथ 10,000/- रुपये का जुर्माना, तीन महीने के साधारण कारावास के साथ 1,000/- रुपये का जुर्माना, दो साल के कठोर कारावास के साथ 5,000/- रुपये का जुर्माना और एक साल के कठोर कारावास के साथ 2,000/- रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

जगमाल और सूरज भान: जगमाल (55) और सूरज भान (36) को आईपीसी की धारा 354-ए और 509 के तहत दोषी पाया गया। वे दोनों दिल्ली पुलिस में सेवारत हैं, जगमाल 2002 से कांस्टेबल के रूप में और सूरज भान 2009 से हेड कांस्टेबल के रूप में कार्यरत है।

इन पर शिकायतकर्ता के प्रति अश्लील यौन टिप्पणी करने और अश्लील इशारे करने का आरोप था। दोनों को धारा 354-ए के तहत एक साल का कठोर कारावास और 5,000/- रुपये का जुर्माना और धारा 509 के तहत एक साल का कठोर कारावास और 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

अदालत की टिप्पणी:

जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने अपने फैसले में कहा कि दोषियों ने पुलिस अधिकारी होते हुए भी कानून-व्यवस्था बनाए रखने की अपनी जिम्मेदारी का उल्लंघन किया है।

अदालत ने कहा कि यह मामला दंडात्मक दृष्टिकोण अपनाने के लिए उपयुक्त है ताकि समाज में एक निवारक संदेश जाए।

कोर्ट ने यह भी नोट किया कि इस मामले के बाद भी 2014 और 2015 में भी शिकायतकर्ताओं द्वारा दोषियों के खिलाफ अन्य एफआईआर दर्ज की गई थीं।

शिकायतकर्ता के पति ने बताया कि इस घटना और बाद में आरोपियों द्वारा उनके विरुद्ध दर्ज किए गए आपराधिक मामलों के कारण उनकी 2016 में होने वाली पदोन्नति भी रुक गई थी और इसी कारण आज तक उनकी पदोन्नति नहीं हुई है ।

उनको आरोपियों की तरफ़ से वित्तीय सहायता का भी प्रस्ताव आया था लेकिन उन्होंने उसे ठुकराया क्योंकि वह न्याय चाहते थे ।

अदालत के निर्देश:

सभी दोषियों को दी गई सजाएं एक साथ चलेंगी। दोषियों को पांच दिनों के भीतर ट्रायल कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया गया है।

Attachment/Order/Judgement – NBK31072025CRLA7982025_192846

Stay Updated With Latest News Join Our WhatsApp  – Channel BulletinGroup Bulletin
विवेक कुमार जैन
Follow me

1 thought on “दिल्ली हाईकोर्ट ने 12 साल पुराने यौन उत्पीड़न मामले में तीन पुलिसकर्मियों को ठहराया दोषी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *