आगरा/प्रयागराज, 21 जुलाई 2025
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जजों के रिक्त पदों को भरे जाने की मांग को लेकर दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और हाईकोर्ट प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई है।
कोर्ट ने इस बात पर गहरी नाराजगी व्यक्त की कि यह मामला बीते छह महीने से लंबित है और कई बार सूचीबद्ध होने के बावजूद आज तक कोई स्पष्ट निर्देश या जवाब दाखिल नहीं किया गया है।
जस्टिस वी.के. बिड़ला और जस्टिस जितेंद्र कुमार सिन्हा की खंडपीठ इस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसे अधिवक्ता सतीश त्रिवेदी ने दाखिल किया है।
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याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एस.एफ.ए. नकवी और अधिवक्ता शाश्वत आनंद ने कोर्ट में पक्ष रखते हुए कहा कि यह केवल प्रशासनिक असावधानी नहीं, बल्कि संवैधानिक उत्तरदायित्व की खुली अवहेलना है।
कोर्ट ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार और हाईकोर्ट प्रशासन के अधिवक्ताओं को अगली सुनवाई से पहले अनिवार्य रूप से आवश्यक निर्देश प्राप्त कर अदालत को सूचित करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा,
“इतने गंभीर संवैधानिक मुद्दे पर भी जब कोई जवाब न आए, तो यह संस्थागत संवेदनहीनता का संकेत है।”
इस मामले की अगली सुनवाई 1 सितंबर 2025 को होगी।
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