राज्य सरकार व विपक्षी से कोर्ट ने मांगा जवाब
आगरा/प्रयागराज 11 सितंबर।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ में मॉब लिचिंग में मारे गए मो. फरीद के भाई मोहम्मद जकी के विरुद्ध दर्ज एफआईआर के तहत अगली सुनवाई या चार्जशीट दाखिल होने तक उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
कोर्ट ने शिकायतकर्ता को नोटिस जारी करते हुए राज्य सरकार सहित सभी विपक्षियों से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है।
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यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्र की खंडपीठ ने मोहम्मद जकी की याचिका पर दिया है। याचिका में 29 जून 2024 को थाना – गांधी पार्क, अलीगढ़ में दर्ज प्राथमिकी को चुनौती दी गई है।
प्राथमिकी धारा 395, 354 आईपीसी के तहत दर्ज कराई गई है। याची के अधिवक्ता तनीषा जहांगीर मुनीर का कहना है कि वास्तव में 18 जून 24 को मॉब लिचिंग में याची के भाई की मौत हो गई थी। जिसकी 19 जून को एफआईआर दर्ज की गई है जिसमें 29 जून 24 को याची के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने वाली शिकायतकर्ता के पति की गिरफ्तारी भी की गई है। काउंटर ब्लास्ट के रूप में यह प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
अधिवक्ता का कहना है कि इस प्राथमिकी में मॉब लिचिंग में उसके भाई की मौत व पोस्टमार्टम रिपोर्ट का कोई जिक्र नहीं है और न ही यह बताया गया है कि शिकायतकर्ता के पति को गिरफ्तार किया गया है।
बल्कि कहा गया है कि शिकायतकर्ता का पति उसके घर पर है। कोर्ट ने मुद्दा विचारणीय माना और जवाब तलब किया है।
याचिका पर पांच सप्ताह बाद सुनवाई होगी।
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