19 वर्ष पूर्व स्टाफ नर्स द्वारा थाना हरीपर्वत में दर्ज कराए गए मुकदमें में दुराचार आरोपी चिकित्सक की अग्रिम जमानत स्वीकृत

न्यायालय मुख्य सुर्खियां
चिकित्सक द्वारा हाईकोर्ट में रिट करने पर गिरफ्तारी पर लग गई थी रोक
पीड़िता ने नहीँ दर्ज कराये 164 द.प्र.स. के बयान,विवेचक के कई बार आग्रह के बावजूद नहीँ कराया था स्वयं का मैडिकल
50 हजार रुपये की जमानत पर आरोपी चिकित्सक को मिली अग्रिम जमानत

आगरा 16 नवंबर ।

स्टाफ नर्स से दुराचार कें 19 वर्ष पुराने मामले में आरोपित चिकित्सक डा. प्रवीन कुमार पुत्र स्व.नत्थी लाल निवासी महोली रोड, विजय नगर, जिला मथुरा द्वारा प्रस्तुत अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकृत कर जिला जज ने माननीय विवेक संगल ने रिहाई के आदेश दिये हैं ।

थाना हरीपर्वत में दर्ज मामले के अनुसार वादनी मुकदमा द्वारा तत्कालीन एसएसपी को प्रार्थना पत्र दे कर आरोप लगाया गया था कि वह विगत 16-17 वर्ष से जीजी नर्सिंग होम में स्टाफ नर्स के रूप में कार्यरत है। घटना से चार वर्ष पूर्व आरोपी डॉ. प्रवीन कुमार नर्सिंग होम से इंटर्न शिप करने आया था।

दोनों के मध्य दोस्ती होने पर आरोपी ने वादनी से शादी का वायदा किया जिसकीं जानकारी दोनो के परिजनों को भी थी। इसी बीच वादनी के कई रिश्ते आने पर आरोपी ने पुनः शादी करने की कह सब रिश्तों को मना करवा दिया।

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आरोपी के शारीरिक सम्बन्ध बनाने के कारण वादनी गर्भवती हो गयी । आरोपी को जानकारी देने पर उसने गर्भपात के लिए दबाब डाल कर वादनी से दूरी बना कर आगरा ही छोड़ दिया।

वादनी के प्रार्थना पत्र पर थाना हरीपर्वत में अपराध संख्या 496/2005 पर आरोपी चिकित्सक के विरुद्ध दुराचार का मुकदमा दर्ज होने पर आरोपी के हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत करने पर हाईकोर्ट ने आरोपी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी ।

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पुलिस द्वारा उक्त मामलें में कार्यवाही के चलते आरोपी ने अपने वरिष्ठ अधिवक्ता अमीर अहमद के माध्यम से जिला जज माननीय विवेक संगल की अदालत में अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर कथन किया कि वादनी ने अपनी एफआईआर में दुराचार की घटना में दिनांक एवं समय का कोई जिक्र नहीं किया हैं। ना ही गर्भवती होने एवं गर्भपात की कोई तिथि अंकित की हैं ।

उक्त मामलें में विवेचक कें बार बार आग्रह करने के बाद भी वादनी ने अपना ना तो चिकित्सीय परीक्षण ही कराया और ना ही मजिस्ट्रेट के समक्ष 164 द.प्र.स. के बयान दर्ज कराये।

आरोपी के अधिवक्ता ने तर्क दिये की वादनी आरोपी पर शादी का दबाब डालती थी। अलग धर्म होने पर आरोपी के मना करनें से कुपित हो उक्त मुकदमा दर्ज कराया गया।

हालांकि उक्त मामले में वादनी की मां एवं डॉ.डीसी गोयल ने विवेचक को दिये बयान में वादनी के कथन का समर्थन किया गया था।

जिला जज ने आरोपी के वरिष्ठ अधिवक्ता अमीर अहमद के तर्क पर आरोपी का अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकृत कर आरोपी को 50 हजार की दो जमानत पर रिहाई के आदेश दिये।

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विवेक कुमार जैन
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