आगरा / प्रयागराज 25 सितंबर।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के एक मामले में नियमानुसार कार्यवाही न होने को लेकर दाखिल याचिका पर गोरखपुर के जिलाधिकारी से जवाब मांगा है।
साथ ही देवरिया निवासी याची हेमवंती पटेल के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्यवाही पर लगी रोक को अगली सुनवाई तक बढ़ा दिया है।
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यह आदेश न्यायमूर्ति वीके बिड़ला एवं अरुण कुमार सिंह देशवाल की खंडपीठ ने हेमवंती पटेल की याचिका पर अधिवक्ता सुनील चौधरी और सरकारी वकील को सुनकर दिया है।
हेमवंती पटेल के खिलाफ गोरखपुर के चिलवाताल थाने में गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज है। याचिका में इस मामले की एफआईआर को चुनौती दी गई है।
अधिवक्ता सुनील चौधरी ने कोर्ट को बताया कि याची के विरुद्ध तीन झूठे केस दर्ज कराए गए थे, जिनमें वह जमानत पर है। साथ ही याची पर गैंगस्टर एक्ट की गई कार्रवाई गलत है।
डीएम ने संयुक्त मीटिंग कर गैंगस्टर चार्ट नहीं तैयार कराया है। कोर्ट ने पिछली सुनवाई में इस मामले में जवाब मांगा था और याची के विरुद्ध उत्पीड़न की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी ।
याची पर रेप, पॉक्सो व ठगी के झूठे केस दर्ज कराने व सहयोग करने का आरोप में तीन मुकदमे दर्ज हैं। उसके गैंग का सरगना विकास सिन्हा है। याची की कुर्की की कार्रवाई के लिए वारंट जारी किया गया था।
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अपर शासकीय अधिवक्ता ने जवाब दाखिल किया, जिसमें संयुक्त मीटिंग के बारे में कुछ नहीं कहा गया।
इस पर कोर्ट ने अपर शासकीय अधिवक्ता से डीएम गोरखपुर द्वारा मीटिंग के संदर्भ में समस्त अभिलेखों व पूरी जानकारी और रजिस्टर दाखिल करने को कहा है।
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