वादी की गवाही दर्ज नही हुई, एक मात्र गवाह भी मुकर गया
आगरा 02 फ़रवरी ।
चाकू प्रहार कर गम्भीर रूप से घायल करने एवं अन्य आरोप में आरोपित अजीम पुत्र जुम्मा खा निवासी सराय ख्वाजा, शाहगंज को साक्ष्य के अभाव में माननीय मोहम्मद साजिद ने बरी करने के आदेश दिये।
मामले के अनुसार मिठ्ठू खा ने थाना सदर में तहरीर देआरोप लगाया कि 26 जून 1997 की रात्रि 8 बजें करीब वह केंट स्टेशन से अपने घर आ रहा था।
रास्तें में मिलें अजीम, बुंदु खा एवं छोटू खा से अपने उधार के रुपयों का तगादा किया जिस पर गाली गलौज करतें हुये वादी कें साथ मारपीट शुरू कर दी। छोटू खा ने वादी के ऊपर चाकू से प्रहार कर उसे गम्भीर रूप से घायल कर दिया। वादी चीख पुकार पर एकत्र लोगों एवं वादी के पड़ोसी मुरारी लाल एवं सुभाष ने वादी को आरोपियों कें चंगुल से छुड़ाया।
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उक्त मामलें मे गवाहों की उपस्थिति हेतु अदालत ने उनके विरुद्ध गैर जमानतीय वारंट एवं 82 द.प्र.स. की भी कार्यवाही की। उक्त मामले में 27 वर्ष में एक मात्र गवाह मुरारी लाल की ही गवाही दर्ज हो सकी। उसने भी घटना का समर्थन नहीं किया। आरोपी बुंदु खा की मौत हो जाने पर अदालत नें उसकें विरुद्ध कार्यवाही समाप्त कर दी।आरोपी छोटू ख़ाँ की पत्रावली पृथक करने के कारण अजीम खा का ही उक्त मामलें में विचारण हुआ।
एसीजेएम 10 माननीय मोहम्मद साजिद ने साक्ष्य के अभाव एवं आरोपी के अधिवक्ता मिर्जा कयूम बेग एवं मिर्जा आसिफ बेग के तर्क पर आरोपी को 27 वर्ष उपरांत बरी करने के आदेश दिये।
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