आगरा में चल रहे राणा सांगा केस में भारत सरकार को पक्षकार बनाने और प्रतिनिधि वाद के रूप में दर्ज करने की मांग, अगली सुनवाई 22 जुलाई को

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आगरा उत्तर प्रदेश ११ जुलाई।

राणा सांगा से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में आज सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में सुनवाई हुई। अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह द्वारा दायर प्रकीर्ण वाद संख्या-128/2025, ‘अजय प्रताप सिंह आदि बनाम अखिलेश यादव आदि’ में अगली सुनवाई के लिए 22 जुलाई की तारीख तय की गई है।

वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि उन्होंने आज दो महत्वपूर्ण प्रार्थना पत्र दाखिल किए। पहला, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार को इस केस में विपक्षी बनाने के लिए धारा 80(2) सीपीसी और आदेश 1 नियम 10 सीपीसी के तहत प्रार्थना पत्र दिया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि चूंकि यह मामला ऐतिहासिक महत्व का है, इसलिए इसमें भारत सरकार का पक्षकार होना आवश्यक है।

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जिला जज महोदय ने 13 मई के अपने आदेश में भी इस बात पर जोर दिया था कि न्यायालय को यह देखना है कि क्या भारत सरकार इस केस में आवश्यक पक्षकार है। धारा 80(2) सीपीसी के तहत 2 महीने के नोटिस की समय सीमा में छूट के लिए भी प्रार्थना पत्र दिया गया है।

दूसरा प्रार्थना पत्र, इस केस को प्रतिनिधि वाद के रूप में दर्ज करने के लिए आदेश 1 नियम 8 सीपीसी के तहत दिया गया। अधिवक्ता सिंह ने बताया कि राणा सांगा का मामला जनहित से जुड़ा है, इसलिए इसे प्रतिनिधि वाद के रूप में दर्ज करना आवश्यक है।

सुनवाई के दौरान न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश सिकरवार, शिव आधार सिंह तोमर और एस पी सिंह सिकरवार भी उपस्थित रहे।

अब सभी की निगाहें 22 जुलाई को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जब यह निर्धारित होगा कि भारत सरकार को इस ऐतिहासिक मामले में पक्षकार बनाया जाएगा या नहीं और क्या इसे प्रतिनिधि वाद के रूप में दर्ज किया जाएगा।

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विवेक कुमार जैन
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