विजय नगर स्थित वादी की बुआ निर्मल कौर के मकान का प्रकरण
16 फरवरी 23 को निर्मल कौर का मकान से कंकाल हुआ था बरामद
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में तीन महीने पूर्व मौत होने का लगा था अनुमान
प्रोपर्टी डीलर सहित चार के विरुद्ध अदालत ने दिये मुकदमे के आदेश
आगरा 04 दिसम्बर ।
धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यन्त्र एवं अन्य आरोप में एसीजेएम 2 माननीय बटेशवर कुमार ने नितिन गुप्ता, प्रदीप कुमार गुप्ता, सतेंद्र सिंह एवं शैलेंद्र कुमार अग्रवाल के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने के आदेश थानाध्यक्ष हरीपर्वत को दिये है ।
मामले के अनुसार वादी मुकदमा विशन सिंह पुत्र रनवीर सिंह निवासी राम मोहल्ला, गोकुल पुरी दिल्ली, हाल निवासी उत्तर विजय नगर कॉलोनी, थाना हरीपर्वत ने अपने अधिवक्ता नरेंद्र पाल सिंह एवं संजय गुप्ता के माध्यम से नितिन गुप्ता पुत्र अशोक कुमार गुप्ता निवासी नई विजय नगर कॉलोनी, प्रदीप कुमार गुप्ता पुत्र लक्ष्मी नरायन गुप्ता निवासी मानसरोवर ग्रीन, दयालबाग, सतेंद्र सिंह पुत्र बहादुर सिंह निवासी नगला तलफी, दयालबाग एवं शैलेश कुमार अग्रवाल पुत्र मोतीलाल निवासी मानसरोवर अपार्टमेंट, दयालबाग के विरुद्ध अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर आरोप लगाया कि उसकी अविवाहित बुआ निर्मल कौर पुत्री स्व.गोपाल सिंह निवासनी 67 उत्तर विजय नगर कॉलोनी थाना हरीपर्वत उक्त मकान में अकेली रहती थीं।
वह एकांकी जीवन व्यतीत करती थी।उनके आस पास किसी से ज्यादा सम्बंध नहीँ थे।वादी एवं उसके परिजन उनसें मिलने आगरा आते रहते थे।

16 फरवरी 23 को वादी के पिता रनवीर सिंह अपनी बहन निर्मल कौर से मिलने आगरा आये देर तक आवाज लगाने के बाद भी गेट नहीँ खुलने पर पुलिस को सूचना दी।पुलिस ने गेट तोड़ उसकीं बुआ का घर से सड़ा गला कंकाल बरामद किया।कंकाल की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में तीन माह पूर्व मृत्यू का अनुमान लगाया गया।
वादी के अनुसार उसने अपनी बुआ निर्मल कौर का उत्तराधिकार प्रमाण पत्र बनवाने हेतु नितिन गुप्ता प्रोप्राइटर श्री बांके बिहारी प्रॉपर्टीज लिंकर्स से संपर्क कर उन्हें पोस्मार्टम रिपोर्ट, मृत्यू प्रमाण पत्र, पंचायत नामा, सभी भाईयों कें पहचान पत्र एवं उनके फोटो दिये जिस पर उन्होंने प्रदीप कुमार गुप्ता से मुलाकात कराई । जिन्होने अदालत के माध्यम से शीघ्र उत्तराधिकार प्रमाण पत्र बनवानें की बात कही।
2 अक्टूबर 23 को मकान के बाहर कोठी विवादित एवं बिकाऊ न होने के बाबत बैनर लगा होने पर नितिन गुप्ता पर शक हुआ।5अक्टूबर 23 को नितिन गुप्ता एवं प्रदीप गुप्ता ने वादी के निवास पर आकर बताया कि मृतका निर्मल कौर द्वारा मकान की वसीयत उनके नाम की थी जिसमें सतेंद्र सिंह एवं शैलेश कुमार अग्रवाल को गवाह दर्शाया गया था। उन्होनें 15 दिन में मकान खाली नहीं करने पर जान से मारने की धमकी दी।वसीयत की जांच फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट से कराने पर वह फर्जी पाई गई।
एसीजेएम 2 माननीय बटेशवर कुमार ने वादी के अधिवक्ताओ के तर्क पर मुकदमा दर्ज कर विवेचना के आदेश थानाध्यक्ष हरीपर्वत को दिये
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