चेक बाउंस मामले में अदालत ने सुनाई वीरेंद्र सिंघल को छह महीने की कैद और 13.82 लाख जुर्माने की सज़ा

चेक न्यायालय मुख्य सुर्खियां

आगरा।

चेक बाउंस (dishonour) से जुड़े एक मामले में, आगरा की एक अदालत ने एक व्यक्ति को दोषी ठहराते हुए 6 महीने की कैद और 13 लाख 82 हजार रुपये का अर्थदंड (जुर्माना) लगाया है।

यह मामला वीरेंद्र सिंघल पुत्र नत्थी लाल सिंघल के खिलाफ था, जो माधव कुंज, प्रताप नगर, थाना जगदीशपुरा, आगरा के निवासी हैं।

एसीजेएम-5 माननीय पंकज कुमार की अदालत ने उन्हें दोषी पाया और यह सजा सुनाई।

मामले के अनुसार, शिकायतकर्ता मुज़म्मिर पुत्र मुन्ना खान ने अपने वकील शैलेंद्र त्यागी के जरिए अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी।

Also Read – वैज्ञानिक सोच और अंबेडकर के सिद्धांतों से ही सामाजिक-आर्थिक न्याय संभव: सांसद रामजीलाल सुमन

मुज़म्मिर ने आरोप लगाया था कि मई 2014 में वीरेंद्र सिंघल ने अपनी कोठी नंबर ए-87 (माधव कुंज, प्रताप नगर) का सौदा 50 लाख रुपये में तय किया था।

इसके बदले में वीरेंद्र सिंघल ने उनसे एडवांस के तौर पर 9 लाख 60 हजार रुपये लिए थे।

सौदे की शर्तों के मुताबिक, वीरेंद्र सिंघल को एक महीने के भीतर मुज़म्मिर से बाकी के 40 लाख 40 हजार रुपये लेकर मकान का बैनामा उनके नाम करना था।

लेकिन, एक महीने बाद वीरेंद्र सिंघल सौदे से मुकर गए और 24 जून 2014 को उन्होंने मुज़म्मिर को 9 लाख 60 हजार रुपये का एक चेक वापस दिया।

यह चेक बैंक में लगाने पर बाउंस हो गया, जिसके बाद मुज़म्मिर ने कानूनी कार्यवाही शुरू की।

शिकायतकर्ता के वकील शैलेंद्र त्यागी के तर्कों को स्वीकार करते हुए, एसीजेएम-5 की अदालत ने वीरेंद्र सिंघल को दोषी पाया और उन्हें 6 महीने की कैद के साथ-साथ 13 लाख 82 हजार रुपये का भारी जुर्माना भरने का आदेश दिया है।

Stay Updated With Latest News Join Our WhatsApp  – Channel BulletinGroup Bulletin

विवेक कुमार जैन
Follow me

1 thought on “चेक बाउंस मामले में अदालत ने सुनाई वीरेंद्र सिंघल को छह महीने की कैद और 13.82 लाख जुर्माने की सज़ा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *