घर में घुस मारपीट, गाली गलौज एवं धमकी का था आरोप
चार आरोपियों कें विरुद्ध दर्ज हुआ था मुकदमा, एक कीविचरण के दौरान हो गयी थी मौत
आगरा 10 जनवरी ।
29 वर्ष चले लंबे विचारण के दौरान भी एक भी गवाह अदालत में पेश करनें में विफल रहने पर एसीजेएम 10 माननीय मो. साजिद ने आरोपी निरोति, अशोक एवं चंद्रभान निवासी गण तुण्ड पुरा थाना सदर जिला आगरा को बरी करने के आदेश दिये।
थाना सदर मे दर्ज मामले के अनुसार वादनी मुकदमा श्रीमती आशा देवी ने थानें पर तहरीर दें आरोप लगाया कि 8 जनवरी 1985 की रात्रि दस बजें पूर्व रंजिशन आरोपी निरोति पुत्र स्व बेदरिया, अशोक, चंद्रभान, सूरज भान पुत्र गण विस्सा राम निवासी गण नई आबादी तुण्ड पुरा थाना सदर जिला आगरा ने लाठी डंडों से लैस हो वादी के आवास पर आ गाली गलौज देना शुरु कर दिया ।
विरोध पर आरोपियो ने वादनी के पति श्याम के साथ मारपीट की। बचाने का प्रयास करने पर आरोपियों ने वादनी एवं उसके देवर शेर सिंह कें साथ भी मारपीट कर बर्तन भांडे तोड़ दिये। गांव के शोलु, रामजीलाल, वीरेंद्र, प्रकाश, मनोज के मनोज के मौकें पर आ जाने पर आरोपी धमकी दे भाग गये।
मुकदमें के विचारण कें दौरान आरोपी सूरजभान की मृत्यु हो जाने पर अदालत ने उसके विरुद्ध कार्यवाही समाप्त कर दी । 29 वर्ष चलें विचारण के दौरान अदालत नें गवाहों की उपस्थिति हेतु पुलिस के आलाधिकारियों, जिला मजिस्ट्रेट, संयुक्त निदेशक अभियोजन को कई पत्र प्रेषित कर गवाहों को अदालत में हाजिर करानें कें आदेश दिये। यहां तक कि अदालत नें गवाहो के विरुद्ध गैर जमानतीय वारंट एवं 82 की कार्यवाही के भी आदेश दिये।उसके बाद भी कोई 29 वर्ष में पुलिस एवं पब्लिक का कोई भी गवाह अदालत में उपस्थित नहीं हुआ।
एसीजेएम 10 माननीय मो. साजिद ने साक्ष्य के नितांत अभाव एवं आरोपियों के अधिवक्ता तेज सिंह बघेल के तर्क पर आरोपियों को बरी करने के आदेश दिये।
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