आगरा: 18 जून ।
विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट ने सिंगेचा, इरादत नगर निवासी विशन पुत्र किशन लाल को घर में घुसकर अश्लील छेड़छाड़, दुराचार और पॉक्सो एक्ट के आरोपों से साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। अदालत ने पाया कि पीड़िता के विरोधाभासी बयानों, मेडिकल रिपोर्ट और गवाहों के बयानों में तालमेल नहीं था।
यह मामला 8 अगस्त, 2015 का है, जब वादी ने इरादत नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि रात में जब वह घर के बाहर भैंसों की रखवाली कर रहा था और उसकी पत्नी कमरे में सो रही थी, तब आरोपी विशन घर में घुस आया और उसकी पत्नी को दबोच लिया। पत्नी के शोर मचाने पर वादी ने दौड़कर आरोपी को पकड़ लिया और घर में बांध दिया, लेकिन आरोपी पीछे के रास्ते से फरार हो गया।
Also Read – हत्या के प्रयास के आरोपी ज्ञानेंद्र उर्फ ज्ञानू की जमानत याचिका खारिज
शुरुआत में पुलिस ने वादी की तहरीर के आधार पर घर में घुसकर अश्लील छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया था। हालांकि, पीड़िता की मेडिकल जांच में डॉक्टरों ने उसे बालिग पाया और दुराचार की पुष्टि से इनकार कर दिया। घटना के लगभग बीस दिन बाद मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए धारा 164 के बयान में, पीड़िता ने खुद को 15 साल का बताकर आरोपी पर दुराचार का आरोप लगाया, जबकि वह शादीशुदा थी। उसने घटना वाले दिन रूप सिंह नामक एक अन्य व्यक्ति पर भी छेड़छाड़ का आरोप लगाया था।
इसके बाद पुलिस ने आरोपी विशन के खिलाफ दुराचार और पॉक्सो एक्ट की धाराएं बढ़ा दीं, जबकि रूप सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
अदालत में दिए गए बयानों में भी, वादी और उसकी पत्नी ने आरोपी के खिलाफ दुराचार की पुष्टि की। हालांकि, पीड़िता की जेठानी और जेठ ने ऐसी किसी घटना से इनकार किया और बताया कि आरोपी प्रधानी का चुनाव लड़ रहा था, इसलिए उसे झूठा फंसाया गया था। आरोपी के पक्ष में 14 ग्रामीणों ने भी पुलिस को शपथ पत्र देकर उसे निर्दोष बताया था।
विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट ने आरोपी के अधिवक्ता रवींद्र कुमार भारद्वाज और जगदीश कुमार के तर्कों को स्वीकार करते हुए आरोपी को बरी करने का आदेश दिया।
Stay Updated With Latest News Join Our WhatsApp – Channel Bulletin & Group Bulletin
- आगरा में मां की निर्मम हत्या के आरोपी पुत्र को आजीवन कारावास एवं 50 हजार रुपये के अर्थ दंड की सजा - October 25, 2025
- आगरा अदालत में गवाही के लिए हाजिर न होने पर विवेचक पुलिस उपनिरीक्षक का वेतन रोकने का आदेश - October 25, 2025
- 25 साल बाद फिरौती हेतु अपहरण के 6 आरोपी बरी, अपहृत ने नकारी गवाही - October 25, 2025






