आगरा १६ जुलाई ।
आगरा की एक विशेष पॉक्सो एक्ट अदालत ने 11 साल की बच्ची से सामूहिक दुराचार और पॉक्सो एक्ट के आरोप में दो व्यक्तियों को 20 साल के सश्रम कारावास और 40 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।
दोषी जितेश पुत्र राकेश जाटव और वीरेंद्र पुत्र बांके लाल, दोनों निवासी नगला अफोय, सीओडी के पीछे, थाना सदर, जिला आगरा हैं।
यह मामला थाना सदर में 19 अप्रैल, 2019 को दर्ज हुआ था। पीड़िता के पिता ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी 11 वर्षीय बेटी गांव में एक शादी समारोह में दावत खाने जा रही थी, तभी रास्ते में जितेश और वीरेंद्र ने उसे रोक लिया। उन्होंने बच्ची का मुंह दबाकर उसे पास के एक गड्ढे में ले जाकर उसके साथ जबरन सामूहिक दुराचार किया।
बच्ची बदहवास हालत में घर पहुंची और उसने अपने परिजनों को पूरी घटना बताई, जिसके बाद मामला दर्ज किया गया। आरोपी इस मामले में 2019 से जिला कारागार में बंद थे।
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पुलिस ने बच्ची का चिकित्सकीय परीक्षण कराया और मजिस्ट्रेट के सामने उसके बयान दर्ज कराए, जिसमें उसने आरोपियों द्वारा दुराचार की पुष्टि की। विशेष अभियोजन अधिकारी माधव शर्मा ने मामले की पुष्टि के लिए पीड़िता के पिता, पीड़िता स्वयं, महिला चिकित्सक सहित छह गवाहों को अदालत में पेश किया।
विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट ने उपलब्ध साक्ष्य और विशेष अभियोजन अधिकारी माधव शर्मा के तर्कों को सुनने के बाद आरोपियों को दोषी ठहराया।
अदालत ने यह भी आदेश दिया कि जुर्माने की आधी राशि पीड़िता को दी जाए और शासन से भी उसे मुआवजा दिलाने के लिए आदेश की प्रति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भेजी जाए।
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