आगरा / नई दिल्ली 18 सितंबर ।
कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में नवीनतम घटनाक्रम में मस्जिद समिति ने हिंदू पक्ष द्वारा दायर मुकदमों की स्थिरता बरकरार रखने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं के साथ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की, जिसमें 1 अगस्त को हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ मस्जिद समिति की शिकायत पर ध्यान दिया गया, जिसके तहत देवता (भगवान कृष्ण) और हिंदू उपासकों द्वारा प्रस्तुत 18 मुकदमों की स्थिरता को चुनौती देने वाली सीपीसी के आदेश 7 नियम 11 के तहत उनकी याचिका खारिज कर दी गई।
जस्टिस खन्ना ने कहा,
“इस मामले पर विचार करने की आवश्यकता होगी। हम इसे प्रवेश चरण में ही तय नहीं कर सकते। इसके लिए कुछ समय की आवश्यकता होगी। यह एक वाद है, इसका फैसला 15 दिन या 1 महीने में नहीं होने वाला है।”
हालांकि, प्रतिवादियों के एक वकील ने प्रारंभिक आपत्ति उठाई, जिसमें कहा गया कि विवादित निर्णय के खिलाफ एक अंतर-न्यायालय अपील होगी।
Also Read - सुप्रीम कोर्ट ने गर्मियों में वकीलों के ड्रेस कोड में छूट की मांग करने वाली याचिका पर विचार करने से किया इनकार
सीनियर एडवोकेट माधवी दीवान (वादी की ओर से पेश) ने प्रस्तुत किया कि वे न्यायालय के स्थगन के कारण आगे कार्यवाही करने में सक्षम नहीं हैं।
हालांकि, इस पहलू पर जस्टिस खन्ना ने याद दिलाया कि न्यायालय ने केवल आयोग (मस्जिद के निरीक्षण के लिए) पर स्थगन आदेश दिया।
जस्टिस ने पूछा,
“आयोग के निष्पादन पर रोक लगा दी गई। क्या आप यह कह रहे हैं कि आयोग के बिना आपका मुकदमा खारिज हो जाएगा?”
इस पर दीवान ने नकारात्मक उत्तर दिया।
अंततः जस्टिस खन्ना ने स्पष्ट किया कि अगली तारीख तक मुकदमे में कार्यवाही मुद्दों, दस्तावेजों और हलफनामों को दाखिल करने के रूप में जारी रह सकती है। हालांकि, कोई क्रॉस एक्जामिनेशन नहीं होगी।
आख़िर में पक्षकारों से यह जांच करने के लिए कहा गया कि क्या पत्र पेटेंट अपील अधिनियम की धारा 10, जो अंतर-न्यायालय अपील का प्रावधान करती है, मामले पर लागू होती है। इस मामले को 4 नवंबर से शुरू होने वाले सप्ताह में सूचीबद्ध किया गया।
केस टाइटल: कमेटी ऑफ मैनेजमेंट ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह बनाम भगवान श्रीकृष्ण विराजमान एवं अन्य
Stay Updated With Latest News Join Our WhatsApp – Group Bulletin & Channel Bulletin