गैंगस्टर एक्ट का आरोपी 27 साल बाद बरी: अभियोजन पक्ष साक्ष्य जुटाने में विफल

न्यायालय मुख्य सुर्खियां

आगरा, 26 जून:

एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में, आगरा की विशेष न्यायाधीश (गिरोह बंद अधिनियम) की अदालत ने गैंगस्टर एक्ट के एक मामले में शहीद पुत्र राशिद निवासी कोल्हाई, थाना ताजगंज को 27 साल बाद साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है।

यह मामला वर्ष 1997 में तत्कालीन थानाध्यक्ष फरमूद अली पुंडीर ने दर्ज किया था। उनके अनुसार, शहीद और सलीम पुत्र बाबू खान एक संगठित गिरोह के सदस्य थे जो अवैध हथियारों के साथ चोरी और लूट जैसी वारदातों को अंजाम देते थे, जिससे क्षेत्र में दहशत का माहौल था। आरोप था कि वे इन आपराधिक कृत्यों से अवैध धन अर्जित करते थे। थानाध्यक्ष पुंडीर ने चार मुकदमों का गैंग चार्ट बनाकर जिलाधिकारी को अनुमोदन के लिए भेजा था।

Also Read – पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपी ममेरे भाई की जमानत खारिज

इस मामले की विवेचना तत्कालीन थानाध्यक्ष शाहगंज ओमवीर सिंह त्यागी ने की थी और आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था।

अदालत में, अभियोजन पक्ष की ओर से केवल वादी मुकदमा फरमूद अली पुंडीर और विवेचक ओमवीर सिंह त्यागी की ही गवाही दर्ज हुई।

आरोपी के अधिवक्ता सतेंद्र पाल सिंह चौहान के तर्कों और अभियोजन पक्ष द्वारा पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत करने में विफलता के बाद, विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर एक्ट) ने शाहिद को बरी करने का आदेश दिया। यह फैसला न्याय प्रक्रिया में साक्ष्य के महत्व को दर्शाता है, विशेषकर ऐसे मामलों में जहां लंबी अवधि तक सुनवाई चलती है।

Stay Updated With Latest News Join Our WhatsApp  – Channel BulletinGroup Bulletin
विवेक कुमार जैन
Follow me

1 thought on “गैंगस्टर एक्ट का आरोपी 27 साल बाद बरी: अभियोजन पक्ष साक्ष्य जुटाने में विफल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *