योगी यूथ ब्रिगेड के वाद पर शुक्रवार को लघुवाद न्यायालय में हुई सुनवाई पूरी, आदेश सुरक्षित
आगरा 13 सितंबर ।
ताजमहल/तेजोमहालय में सावन के महीने में जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक एवं अन्य हिंदू त्योहारों पर पूजा अर्चना की मांग को लेकर योगी यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर अजय तोमर की ओर से दायर वाद एवं कोर्ट कमिश्नर नियुक्त के लिए दाखिल प्रार्थना पत्र पर शुक्रवार को लघुवाद न्यायालय में न्यायाधीश माननीय मृत्युंजय श्रीवास्तव की अदालत में सुनवाई हुई ।
प्रतिवादी पुरातत्व विभाग के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ राजकुमार पटेल की ओर से पेश हुए उनके अधिवक्ता ने न्यायालय में आपत्ति दाखिल की और कहा कि पुरातत्व विभाग के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ राजकुमार पटेल सरकारी अधिकारी है जिन पर मुकदमा नहीं चल सकता और वाद को खारिज किया जाए साथ ही भारत सरकार को इसमें प्रतिवादी बनाया जाए।
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जिस पर वादी के अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर ने कहा कि धारा 80 सीपीसी का नोटिस देकर सरकारी अधिकारी पर मुकदमा हो सकता है।
वहीं वादी अधिवक्ता ने भारत सरकार को प्रतिवादी बनाने के लिए सहमति जताई दोनों पक्षों की बहस के बाद न्यायालय ने आदेश सुरक्षित रख लिया है और 16 सितंबर को इस पर फैसला आ सकता है।
वादी कुंवर अजय तोमर ने बताया कि प्रतिवादी पुरातत्व विभाग और उनके अधिवक्ता मामले को टालने का प्रयास कर रहे हैं। क्योंकि उनके पास कोई जवाब नहीं है ।
इसलिए बार बार न्यायालय से समय मांग रहें और न्यायालय का समय व्यर्थ कर रहे हैं। तेजोमहालय करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है । ताजमहल तेजोमहालय हमारे बाप दादाओं की जमीन है हमने साक्ष्य पेश कर दिए हैं ।
आवश्यकता पड़ेगी तो और भी साक्ष्य न्यायालय में प्रस्तुत करेंगे । तेजोमहालय की लड़ाई अंतिम सांस तक लड़ी जाएगी ।
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वहीं आपको बता दें कि योगी यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर अजय तोमर ने 23 जुलाई को सावन के महीने में जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक एवं अन्य हिंदू त्योहारों पर पूजा अर्चना की मांग को लेकर अपने अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर एवं झम्मन सिंह रघुवंशी के द्वारा वाद दाखिल किया था ।
जिस पर 16 अगस्त को सुनवाई हुई थी प्रतिवादी पुरातत्व विभाग के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ राजकुमार पटेल को बनाया गया । जिनके अधिवक्ता 16 अगस्त को पेश हुए थे और वकालतनामा दाखिल किया था एवं जवाब दाखिल करने का समय मांगा था ।
वहीं 27 अगस्त को फिर सुनवाई हुई लेकिन प्रतिवादी ने वाद पत्र की नकल ना होने की बात कही और फिर समय मांगा था जिस पर आज सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया गया है।
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