सामान्य अवधारणा जब तक दोष सिद्ध न हो निर्दोष की है और जमानत नियम व जेल अपवाद
आगरा/प्रयागराज 4 सितंबर।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज हंडिया थाने में अनुसूचित जाति की नाबालिग लड़की के अपहरण व दुष्कर्म के आरोपी मोहम्मद कैफ की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है।
यह आदेश न्यायमूर्ति कृष्ण पहल ने अधिवक्ता श्रीश बहादुर त्रिपाठी के तर्कों को सुनकर दिया है।
याची के अधिवक्ता का कहना था एफआईआर दर्ज करने में दो दिन की देरी का कारण नहीं बताया गया है। लड़की स्वस्थ एवम तंदुरुस्त है।
उसने अपनी आयु 16 साल बताई है। पीड़िता के बयान से सहमति का खुलासा हो रहा है ।याची 20 अप्रैल 24 से जेल में बंद हैं।कोई पूर्व आपराधिक इतिहास नहीं है।
अधिवक्ता ने कहा सामान्य अवधारणा जबतक दोष सिद्ध न हो निर्दोष की है। और जमानत नियम व जेल अपवाद है।किसी को बिना अपराध साबित हुए जीवन स्वतंत्रता के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता।
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मनीष सिसोदिया केस में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि जमानत रोकने में अपराध के दंड अवधि को नहीं भूलना चाहिए।
सरकारी वकील ने माना कि याची का आपराधिक इतिहास नहीं है।
किंतु नाबालिग को गुमराह कर दुष्कर्म के अपराध का आरोप गंभीर है।
कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद जमानत मंजूर कर ली और शर्तों का पालन करने का निर्देश दिया।
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