आगरा २७ मई ।
विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट माननीय पुष्कर उपाध्याय ने अपहरण, दुराचार और दलित उत्पीड़न के गंभीर मामले में आरोपी उदय प्रताप पुत्र शैलेन्द्र प्रताप (निवासी बालाजी नगर, थाना ट्रांसयमुना, जिला आगरा) द्वारा प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र को निरस्त करने का आदेश दिया है।
यह मामला थाना ट्रांसयमुना में दर्ज किया गया था। वादी मुकदमा ने अपनी तहरीर में बताया कि 9 फरवरी, 2025 को आरोपी उदय प्रताप उनकी पुत्री और भतीजी को बहला-फुसलाकर मोटरसाइकिल पर अपने साथ ले गया था।
Also Read – दहेज उत्पीड़न मामले में पति और सास बरी: विरोधाभासी बयानों और समझौते के आधार पर कोर्ट का फैसला
झरना नाले के समीप मोटरसाइकिल खड़ी कर आरोपी दोनों बहनों को ऑटो में बैठाकर टूंडला ले गया। वहां आरोपी ने शादी का झांसा देकर वादी की पुत्री के साथ दुराचार किया। पांच दिन बाद आरोपी वादी की पुत्री और भतीजी को फतेहाबाद रोड पर छोड़कर फरार हो गया था।
विशेष न्यायाधीश माननीय पुष्कर उपाध्याय ने पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट, उसके बयान और वादी के वरिष्ठ अधिवक्ता भारत सिंह के तर्कों पर विचार करते हुए आरोपी की जमानत निरस्त करने का महत्वपूर्ण आदेश पारित किया।
यह फैसला न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, खासकर ऐसे मामलों में जहां महिलाओं और कमजोर वर्ग के खिलाफ अपराध होते हैं।
Stay Updated With Latest News Join Our WhatsApp – Group Bulletin & Channel Bulletin