सरकार ने कहा बंधपत्र व प्रतिभूति जमा करने पर होगी रिहाई
बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई 29 नवंबर को
आगरा /प्रयागराज 27 नवंबर ।
संभल में हुई हिंसा को लेकर फेसबुक पर योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ पोस्ट करने पर गिरफ्तार किए गए जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप की मंगलवार को जेल से रिहाई हो गई। जावेद पंप को पुलिस ने गिरफ्तार किया था और जमानत बंधपत्र व 50 हजार की दो प्रतिभूति जमा न कर पाने के कारण उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया था। जिसे पंप ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में चुनौती दी थी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अरविंद सिंह सांगवान तथा न्यायमूर्ति एम ए एच इदरीसी की खंडपीठ के समक्ष राज्य सरकार ने कहा यदि प्रतिभूति जमा कर दी जाती है तो याची को शाम पांच बजे तक रिहा कर दिया जायेगा। जिस पर कोर्ट ने याचिका की अगली सुनवाई की तिथि 29 नवंबर नियत की है।
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संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान मुस्लिम समुदाय ने पथराव, आगजनी व हिंसा की। याची ने फेसबुक पर भड़काऊ टिप्पणी की । इस पोस्ट के लिए वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के पूर्व नेता जावेद पंप को पुलिस ने रविवार रात गिरफ्तार कर लिया था।
वह पहले से ही जून 2022 में प्रयागराज के करेली में हिंसा मामले में आरोपित है। उस पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप है।
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खंडपीठ को यह भी बताया गया कि भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 126 (अन्य मामलों में शांति बनाए रखने के लिए सुरक्षा), 135 (सूचना की सत्यता की जांच), और 117 के तहत गिरफ्तार किया गया था।
वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी, अधिवक्ता शाश्वत आनंद याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए।
हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद जरूरी औपचारिकता पूरी की गई।
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