इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाई अधिक वेतन भुगतान की वसूली आदेश पर रोक

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एस एस पी मेरठ को कारण बताओ नोटिस
कोर्ट ने पूछा क्यों न वसूली आदेश रद हो और कानून के विपरीत आदेश देने के लिए क्यों न दंड स्वरूप हर्जाना लगाया जाय ?

आगरा / प्रयागराज 24 सितंबर।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विभागीय गलती से अधिक वेतन भुगतान की सेवानिवृत्त दरोगा से ₹4,03,829 /- रूपये की वसूली के एसएसपी मेरठ के आदेश पर रोक लगा दी है।

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एसएसपी को कारण बताओ नोटिस जारी कर व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है कि क्यों न 22 अप्रैल 24 का उनका आदेश रद्द हो। वसूली गई राशि वापस कराई जाय और सुप्रीम कोर्ट के रफीक मसीह केस के खिलाफ आदेश पारित करने के लिए दंड स्वरूप क्यों न उनसे हर्जाना वसूला जाय ?

याचिका की अगली सुनवाई 27सितंबर को होगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति जे.जे. मुनीर ने गजेन्द्र सिंह की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता इरफान अहमद मलिक ने बहस की।

इनका कहना था कि वेतन‌ निर्धारण में उसकी कोई ग़लती नही है। इसलिए वसूली आदेश अवैध है।

ऐसे ही एक अन्य मामले में पुलिस कांस्टेबल ड्राइवर विजय कुमार के खिलाफ अधिक वेतन भुगतान की वसूली का अपर डिप्टी कमिश्नर पुलिस शिष्टाचार गाजियाबाद के आदेश पर भी रोक लगा दी है और जवाब मांगा है।

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याचिका की अगली सुनवाई 15अक्टूबर को होगी। इसमें ₹5,13,930/- रूपये की वसूली का आदेश दिया गया था।

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मनीष वर्मा
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