विभागीय गलती से रिटायर्ड दरोगा से अधिक वेतन भुगतान की वसूली का मामला
आगरा / प्रयागराज 28 सितंबर ।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसपी मैनपुरी को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर स्पष्ट करने का निर्देश दिया है कि क्यों न विभाग द्वारा याची को गलत वेतन भुगतान की वसूली आदेश रद्द हो और वसूली राशि वापस कराई जाए ?
साथ ही सुप्रीम कोर्ट के रफीक मसीह केस के फैसले के विपरीत आदेश जारी करने के लिए क्यों न उन पर दंडात्मक हर्जाना लगाया जाय जिसका भुगतान वह स्वयं करें ?
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याचिका की अगली सुनवाई 4 अक्टूबर को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति जे.जे. मुनीर ने रिटायर्ड दरोगा योगेश चन्द्र की याचिका पर अधिवक्ता इरफान अहमद मलिक को सुनकर दिया है।
याची का कहना है कि वेतन निर्धारण में उसकी कोई ग़लती नही है। 31जुलाई 23 को वह रिटायर हो गया है।

इसके बाद एसपी मैनपुरी ने 26 फरवरी 24 के आदेश से 5,19,422/- रूपये अधिक वेतन भुगतान की वसूली का आदेश दिया है।
जिसकी वैधता को चुनौती दी गई है।
कोर्ट ने आदेश की प्रति सीजेएम के मार्फत एसपी मैनपुरी को देने का निर्देश दिया है।
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