बांग्लादेशी नागरिक का रिजवान पर पत्नी के सहयोग से भारत में फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने का मामला
आगरा / प्रयागराज 02 अक्टूबर।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी, पार्षद मन्नू रहमान, बांग्लादेशी रिजवान की जमानत मंजूर कर ली है। इन सभी पर बांग्लादेशी नागरिक को गलत तरीके से भारत में रुकने के लिए फर्जी दस्तावेज, आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र आदि बनवाने में सहयोग करने का आरोप है।
यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव मिश्रा ने सुनवाई की।
मामले में अभियुक्त इरफान सोलंकी, पार्षद मन्नू रहमान और बांग्लादेशी नागरिक रिजवान ने जमानत याचिका हाईकोर्ट में प्रस्तुत की थी। इन सभी पर आरोप है कि बांग्लादेशी नागरिक रिजवान ने एक हिना नामक भारतीय महिला से शादी की और उसे अपने साथ बांग्लादेश ले गया और बांग्लादेश की नागरिकता ले ली।
उनके तीन बच्चे भी हुए। 2016 में रिजवान और हिना अपने बच्चों को लेकर कानपुर आ गए। यहां पर पार्षद मन्नू रहमान और विधायक इरफान सोलंकी के सहयोग से फर्जी प्रमाण पत्र बनवाए गए और उसके आधार पर बच्चों का कानपुर के स्कूलों में दाखिला करवाया गया।
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विवेचना के दौरान यह प्रकाश में आया कि इरफान सोलंकी और मन्नू रहमान ने फर्जी दस्तावेज तैयार करने में सहयोग किया था। विवेचक ने उनके नाम भी शामिल करते हुए सभी अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया।
इस मामले में हिना की जमानत पहले हो चुकी है। आरोपियों की ओर से तर्क दिया गया कि सह अभियुक्त की जमानत हो चुकी है।
अन्य अभियुक्तों के खिलाफ कोई दस्तावेजी प्रमाण नहीं है। रिजवान वैध वीजा पर भारत आया है। उन पर लगाए गए आरोप सही नहीं हैं।
कोर्ट ने सभी तथ्यों और साक्ष्यों को देखते हुए तीनों अभियुक्तों की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है।
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