आगरा के वरिष्ठ अधिवक्ता डोंगर सहाय शर्मा को अपनो ने किया असहाय

मुख्य सुर्खियां
दूसरों को न्याय दिलाने वाले के साथ हो रहा हैं अन्याय
खेरागढ़ में पैतृक मकान एवं 16 दुकान हैं
संपत्ति में अधिवक्ता सहित तीन हिस्सेदार हैं
भाई भतीजो ने अधिवक्ता के हिस्से पर कर लिया हैं कब्जा
विधवा भाभी भी इनके भय से अन्यत्र रह रहीं हैं
बुजर्ग अधिवक्ता की कोई नहीं कर रहा मदद ?

आगरा 22 अक्टूबर ।

आगरा के 75 वर्षीय बुजुर्ग अधिवक्ता जो जिंदगी भर दूसरे लोगों को न्याय दिलवानें में अग्रसर रहे, लोगों के लड़ाई लड़ते रहे परन्तु जब उनके स्वयं के बारी आयी तो वह स्वयं को न्याय नहीं दिला सके। उम्र के आखरी पड़ाव पर वह परिजनों एवं सिस्टम से हार मान गये।

मामले के अनुसार 75 वर्षीय डोंगर सहाय शर्मा गांव चीत के मूल निवासी हैं । उनकीं खेरागढ़ कस्बे में पैतृक संपत्ति हैं जिसमें एक मकान एवं 16 दुकानें हैं ।

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बुजुर्ग अधिवक्ता डोंगर सहाय शर्मा द्वारा उक्त संपत्ति के बटवारे के बाबत सिविल अदालत में मुकदमा प्रस्तुत करने पर तत्कालीन अदालत ने 20 फरवरी 2014 को उक्त संपत्ति को तीन भागों में बाटने के आदेश दिये। 1/3 भाग में अधिवक्ता डोंगर सहाय शर्मा को, 1/3 भाग में उनके भाई सोबरन सिंह की विधवा पत्नी श्रीमती शारदा देवी को एवं 1/3 भाग में सुरेंद्र कुमार शर्मा आदि को हिस्सेदार बनाया ।

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अधिवक्ता के मकान में 1/3 हिस्से के साथ साथ उनके हिस्से में चार दुकानें भी आई। परन्तु उनके परिजनों द्वारा उन्हें कोई हिस्सा नहीं दिया । जिस पर कब्जे हेतु वर्ष 2023 में अधिवक्ता द्वारा पुनः अदालत में मुकदमा प्रस्तुत किया गया। अधिवक्ता का आरोप हैं कि उनके हिस्से की दुकानों से उनके भाई सुरेंद्र कुमार का पुत्र मनोज उर्फ छोटू एवं सतेंद्र कुमार दबंगई के बल पर स्वयं किराया वसूल करते है। शिकायत पर अधिवक्ता को जान से मारने की धमकी दी जाती है।

बुजुर्ग अधिवक्ता की विधवा भाभी श्रीमती शारदा देवी की कोई संतान नहीं हैं । वह भी अपने देवर के पुत्रों के डर से बाहर रहती हैं । उन्होंने अपने हिस्से की दुकानों को अन्य को बेच दिया है एवं मकान के हिस्से का दान पत्र भी अन्य के नाम कर दिया है।

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उस पर भी मनोज कुमार एवं सतेंद्र कुमार द्वारा अवैध कब्जा कर लिया है । अधिवक्ता के अनुसार इन लोगो ने फर्जी दान पत्र भी अपने नाम से बना लिया हैं। भाई भतीजो के डर से अधिवक्ता का अपने घर जाना भी दुश्वार हो गया हैं।

प्रशासन से भी उन्हें कोई मदद नहीं मिल रहीं हैं। थक हार कर उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष पहुंच गुहार लगाने की बात कही हैं।

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विवेक कुमार जैन
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