आगरा 22 नवंबर ।
दलित उत्पीड़न एवं धोखाधड़ी के मामले में आरोपित श्रीमती रिहाना पत्नी मोहम्मद अहमद निवासी नई आबादी, मोहन पुरा थाना रकाबगंज, जिला आगरा को गवाहो के मुकरने पर विशेष न्यायाधीश एससी/एस टी एक्ट राजेंद्र प्रसाद ने 17 साल बाद बरी करने के आदेश दिये।
थाना शाहगंज में दर्ज मामले के अनुसार वादनी मुकदमा खेमवती ने मुकदमा दर्ज करा आरोप लगाया कि अभियुक्ता रिहाना एवं उसके पति मोहम्मद अहमद ने अपने घर मे विवाद होने पर एक माह के लिये उनके घर में वर्ष 2003 मे किराये पर कमरा लिया ।
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उसके बाद अभियुक्ता एवं अन्य ने कमरा खाली नहीं किया बल्कि वर्ष 2005 में फर्जी कागजातो के आधार पर घर को हड़पने का षड्यंत्र रचा। विरोध पर 8 मई 2007 को घर में घुस वादनी, उसके पति एवं पुत्र कें साथ मारपीट एवं जाति सूचक शब्द कह उत्पीड़न किया।
उक्त मामले में विवेचना उपरांत श्रीमती रिहाना एवं श्रीमती जैनम पत्नी जहांगीर निवासिनी शिव नगर, कमाल खा, थाना शाहगंज कें विरुद्ध विवेचक नें अदालत में आरोप पत्र प्रेषित किया था ।
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जैनम की मृत्यू हो जाने पर अदालत ने उसके विरुद्ध कार्यवाही समाप्त कर दी।
मुकदमे के विचारण के दौरान गवाहो के मुकरने एवं अभियुक्ता के अधिवक्ता कृष्ण मुरारी माहेश्वरी के तर्क पर अदालत ने सबूत के अभाव में अभियुक्ता को बरी करने के आदेश दिये।
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