आगरा/नई दिल्ली:
साकेत कोर्ट स्थित एएसजे (एफटीसी)-02 (ASJ (FTC)-02), साउथ की माननीय न्यायाधीश शुनाली गुप्ता ने ‘राहुल’ नामक आरोपी की अग्रिम ज़मानत याचिका (Anticipatory Bail Application) खारिज कर दी है।
यह आदेश 17.10.2025 को FIR संख्या 453/2025, पुलिस स्टेशन अंबेडकर नगर से संबंधित याचिका के संदर्भ में दिया गया।
आरोपी पक्ष की दलील:
आरोपी ‘राहुल’ के वकीलों राहुल मलिक और सुश्री निदा ज़ुल्फिकार ने तर्क दिया कि आरोपी निर्दोष है और उसने शिकायतकर्ता को कोई चोट नहीं पहुंचाई है। उन्होंने यह भी कहा कि सीसीटीवी फुटेज से यह देखा जा सकता है कि वह शिकायतकर्ता से कम से कम 10-15 फीट दूर खड़ा था। उन्होंने जांच में शामिल होने की तत्परता व्यक्त करते हुए अग्रिम ज़मानत देने का अनुरोध किया।
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विरोध और अभियोजन पक्ष के तर्क:
राज्य की ओर से अतिरिक्त पीपी (Additional PP) अनिल और शिकायतकर्ता की ओर से अधिवक्ता के. के. शर्मा (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से) पेश हुए।
जांच अधिकारी (आईओ ) ने अग्रिम ज़मानत का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि आरोपी और अन्य सह-आरोपियों द्वारा किया गया अपराध हथियारों से हमला करने के कारण जघन्य प्रकृति का है।
उन्होंने यह भी बताया कि ‘राहुल’ एक आदतन अपराधी है और पूर्व में भी उस पर पीएस अंबेडकर नगर में FIR संख्या 462/2022, धारा 308/34 आईपीसी (आईपीसी ) के तहत मामला दर्ज है। आईओ ने यह भी कहा कि राहुल ने शिकायतकर्ता को चोट पहुंचाई है और अब तक केवल एक आरोपी (अंकित नेगी) को गिरफ्तार किया गया है, जबकि बाकी फरार हैं।
शिकायतकर्ता के वकील ने दलील दी कि पुलिस ने अपेक्षाकृत कम गंभीर धारा के तहत मामला दर्ज किया है, जबकि अपराध की गंभीरता को देखते हुए धारा 307 आईपीसी (सेक्शन 109 बीएनएस) के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए था।
उन्होंने आरोप लगाया कि एक आरोपी (सागर) ने शिकायतकर्ता के चाचा का गला घोंटने की कोशिश की और आरोपियों ने शिकायतकर्ताओं को जान से मारने की धमकी भी दी थी।
कोर्ट का अवलोकन और फैसला:
कोर्ट ने मामले की गंभीरता, अपराध की प्रकृति और सीसीटीवी फुटेज पर विचार किया। सीसीटीवी फुटेज में लोगों का एक समूह लाठी, डंडों, घूंसों और लातों से शिकायतकर्ता पर हमला करते हुए देखा गया। हमलावर एक भीड़ के रूप में काम कर रहे थे, और लोगों द्वारा बचाने की कोशिश के बावजूद हमला जारी रहा।

कोर्ट ने अग्रिम ज़मानत खारिज करने के लिए निम्नलिखित मुख्य बिंदुओं पर विचार किया:
* अपराध की गंभीरता और प्रकृति।
* आरोपी का पूर्व में भी पीएस अंबेडकर नगर में ऐसे ही अपराध में शामिल होना।
* पुलिस नोटिस के बावजूद जांच में शामिल न होना।
* शिकायतकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों को धमकाने और सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका, क्योंकि हमला करते समय भी आरोपियों ने जान से मारने की धमकी दी थी।
* केवल एक आरोपी की गिरफ्तारी हुई है और बाकी फरार हैं।
इन सभी तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर, कोर्ट ने ‘राहुल’ को अग्रिम ज़मानत देने से इनकार कर दिया और याचिका खारिज कर दी।
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