आगरा ।
चैक डिसऑनर के एक मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम, आगरा ने आरोपी सुनीत कुमार जैन को दोषी करार देते हुए छह माह की सश्रम कारावास तथा ₹5 लाख रुपये के आर्थिक दंड से दंडित किया है।
यह मामला वादी आनंद अग्रवाल निवासी फ्रेंड्स पैराडाइज, खंदारी, आगरा द्वारा दायर किया गया था, जिन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता दीपक शर्मा के माध्यम से अदालत में यह आरोप प्रस्तुत किया कि व्यवसायिक मित्रता के आधार पर उन्होंने विपक्षी सुनीत कुमार जैन निवासी लता कुंज, मदिया कटरा, आगरा को ₹5 लाख रुपये उधार दिए थे।
निर्धारित समय सीमा के पश्चात जब वादी ने धन वापसी की मांग की, तो विपक्षी ने दिनांक 17 जनवरी 2023 को बैंक ऑफ महाराष्ट्र का एक चैक प्रदान किया।
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जब उक्त चैक को भुगतान हेतु बैंक में प्रस्तुत किया गया, तो वह अस्वीकृत (डिसऑनर) हो गया। इस पर वादी ने विधिक कार्यवाही प्रारंभ की, जिसमें न्यायालय ने प्रस्तुत साक्ष्यों और अधिवक्ता दीपक शर्मा के प्रभावशाली तर्कों के आधार पर आरोपी को दोषी पाया।
न्यायिक निर्णय:
न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम ने आरोपी को छह माह की कैद तथा ₹5 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई, जो वादी को क्षतिपूर्ति स्वरूप प्रदान की जाएगी।
यह निर्णय चैक अधिनियम की धारा 138 के तहत आर्थिक लेन-देन में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व की पुनः पुष्टि करता है।
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