हरियाणा जज पेपर लीक मामला: हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार समेत दो को 5-5 साल की कैद, कांग्रेस नेता सहित छह बरी

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आगरा/नई दिल्ली 23 अगस्त।
लगभग सात साल पुराने हरियाणा जज पेपर लीक मामले में गुरुवार को निर्णय आया है। मामले में कुल नौ आरोपी थे, जिनमें से तीन को 5-5 साल कैद की सजा हुई है। वहीं न्यायालय ने कांग्रेस नेता सहित छह आरोपी बरी कर दिए गए।

दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने हरियाणा जज पेपर लीक मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार (रिक्रूटमेंट) बलविंदर शर्मा के साथ उनकी महिला मित्र सुनीता को दोषी करार देते हुए पांच-पांच साल की सजा सुनाई है।

अदालत ने पेपर लीक मामले में चंडीगढ़ के कांग्रेस नेता सुनील चोपड़ा समेत छह अन्य को सबूतों के अभाव बरी कर दिया। वहीं, एक अन्य आरोपी महिला सुशीला को दोषी करार दिया गया। बता दें कि साल 2017 में 107 जजों की भर्ती के पेपर लीक मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर चंडीगढ़ पुलिस ने मामला दर्ज किया था।

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इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मामले को दिल्ली शिफ्ट कर दिया गया था।

डेढ़ करोड़ में हुई थी नियुक्ति की बात

आरोप के मुताबिक पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर पंचकूला जिले की पिंजौर निवासी सुमन ने कहा था कि उसने एचसीएस ज्यूडिशियल के लिए आवेदन किया था। परीक्षा की तैयारी के लिए एक कोचिंग सेंटर भी जॉइन किया। इस दौरान उसकी दोस्ती सुशीला नामक लड़की से हो गई।

उसने गलती से याची को एक ऐसी ऑडियो क्लिप भेज दी, जिसमें वह अन्य लड़की से डेढ़ करोड़ में नियुक्ति की बात कर रही थी।

 

जोर देकर पूछने पर पेपर लीक होने की बात पता चली। सुशीला ने याचिकाकर्ता को छह सवाल भी बताए जो परीक्षा में आए। सुमन ने अपने पति को इसकी जानकारी दी और उसने मामले की शिकायत पुलिस और हाईकोर्ट को एडमिनिस्ट्रेटिव साइट पर दी। इसके बाद रजिस्ट्रार विजिलेंस ने मामले की प्रारंभिक जांच की थी।

एसआईटी को सौंपी गई थी जांच

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रजिस्ट्रार विजिलेंस ने रिपोर्ट में रजिस्ट्रार रिक्रूटमेंट डॉ. बलविंदर शर्मा और आरोपी सुनीता के बीच कनेक्शन का खुलासा किया। रिपोर्ट में बताया गया कि पिछले एक वर्ष के दौरान दोनों के बीच 730 बार फोन पर व एसएमएस से बात हुई। कमेटी की सिफारिश पर सामान्य वर्ग की टॉपर सुनीता, आरक्षित वर्ग की टॉपर सुशीला व रजिस्ट्रार रिक्रूटमेंट डॉ बलविंदर शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।

 

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विवेक कुमार जैन
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