कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर पर आगरा की एक अदालत में आपराधिक मानहानि का केस दायर

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आगरा 05 दिसम्बर ।

आगरा न्यायालय में बुधवार को मशहूर कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर पर अपराधिक मानहानि भारतीय न्याय संहिता की धारा 356(2) के अधीन परिवाद दर्ज किया गया।

यह परिवाद अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने दायर किया है। अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि 3 दिसम्बर को अमर उजाला अखबार में देवीकनन्दन ठाकुर ने वाराणसी में कथावाचन के दौरान भारत विभाजन व कश्मीरी ब्राह्मणों के नरसंहार के लिए जयचंदो को दोषी बताया और सनातन धर्म को खतरा जयचंदो से बताया लेकिन भारत विभाजन व कश्मीरी ब्राह्मणों का नरसंहार धर्म आधारित था और यह कार्य मुसलमानों ने किया था।

मुसलमानों के कृत्य के लिए जयचंद दोषी कैसे हो सकते है ?

अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर व्यासपीठ जैसे सार्वजनिक मंच से मुसलमानों का नाम लेने से क्यों डरते है ?

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जयचंद एक ऐतिहासिक चरित्र है और कन्नौज के राजा थे। उन्हें अभी तक की रिसर्च में ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला जो यह साबित करता हो महाराज जयचंद गद्दार थे या उन्होंने मोहम्मद गौरी को बुलाया था । भारत सरकार के पास भी ऐसा कोई अभिलेख उपलब्ध नहीं है जो यह साबित करता हो कि गौरी को जयचंद ने आमंत्रित किया हो।

उन्होंने बताया कि उनका जौनपुर सिविल न्यायालय में अटाला माता मंदिर केस विचारधीन चल रहा है । ऐतिहासिक साक्ष्य यह प्रमाणित करते है कि अटाला माता मंदिर महाराज जयचंद ने बनवाया था। उन्हें अभी तक ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला जो यह साबित करता हो कि जयचंद गद्दार थे।

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यह परिवाद सिविल जज(जू०डि०)-1 माननीय हर्षिता के समक्ष दायर किया गया है ।

अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने यह केस वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश सिकरवारएस पी सिंह सिकरवार के द्वारा दायर किया गया है।

Attachment – DocScanner 04-Dec-2024 12-05 pm

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विवेक कुमार जैन
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