आगरा/नई दिल्ली 27 नवंबर ।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) संजीव खन्ना ने सुझाव दिया कि वकील मामले की सुनवाई शुरू होने पर मौखिक दलीलें देने के बजाय मामले वापस लेने के अनुरोध के साथ अग्रिम पत्र भेजें।
सुबह के सत्र के दौरान, फैमिली मामले के स्थानांतरण के मामले में उपस्थित वकील ने बताया कि पक्षों ने अपने मुद्दों को सुलझा लिया। अब स्थानांतरण याचिका वापस लेना चाहते हैं।
Also Read – सुप्रीम कोर्ट ने यमुना एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण रखा बरकरार

वापसी की अनुमति देते हुए सीजेआई ने मौखिक रूप से कहा:
“यदि आपके पास ऐसा कोई अनुरोध है तो आप हमेशा एक दिन पहले या दो दिन पहले कोर्ट मास्टर को एक पत्र दे सकते हैं। इससे हमें मामले को सुलझाने या फाइल पढ़ने में मदद मिलेगी। जब भी आपके पास वापसी का अनुरोध हो, तो आप इसे हमेशा प्रस्तुत कर सकते हैं।”
सीजेआई ने संविधान दिवस समारोह में बोलते हुए कहा कि स्थगन पत्रों के प्रचलन की पिछली प्रणाली को बहाल करने के लिए वकीलों द्वारा किए गए अनुरोधों को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
Stay Updated With Latest News Join Our WhatsApp – Group Bulletin & Channel Bulletin
साभार: लाइव लॉ
- आगरा में मां की निर्मम हत्या के आरोपी पुत्र को आजीवन कारावास एवं 50 हजार रुपये के अर्थ दंड की सजा - October 25, 2025
- आगरा अदालत में गवाही के लिए हाजिर न होने पर विवेचक पुलिस उपनिरीक्षक का वेतन रोकने का आदेश - October 25, 2025
- 25 साल बाद फिरौती हेतु अपहरण के 6 आरोपी बरी, अपहृत ने नकारी गवाही - October 25, 2025






